बहुमत 100
1 / 199
  • भाजपा
    1
  • कांग्रेस
    0
  • अन्य
    0

बड़े मुकाबले

कोटा उत्तर

शांति धारीवाल

  • कांग्रेस
vs

प्रह्लाद गुंजल

  • भाजपा

खाजूवाला

डा. विश्वनाथ मेघवाल

  • भाजपा
vs

गोविंद राम मेघवाल

  • कांग्रेस

चुरू

रफीक मंडेलिया

  • कांग्रेस
vs

हरलाल सहारण

  • भाजपा

झुंझुनू

बबलू चौधरी

  • भाजपा
vs

बृजेंद्र सिंह ओला

  • कांग्रेस

झालरापाटन

वसुंधरा राजे

  • भाजपा
vs

राम लाल चौहान

  • कांग्रेस

झोटवाड़ा

राज्यवर्धन सिंह राठौड़

  • भाजपा
vs

अभिषेक चौधरी

  • कांग्रेस

टोंक

सचिन पायलट

  • कांग्रेस
vs

अजीत सिंह मेहता

  • भाजपा

तारानगर

राजेंद्र राठौड़

  • भाजपा
vs

नरेंद्र बुढ़ानिया

  • कांग्रेस

तिजारा

महंत बालकनाथ

  • भाजपा
vs

इमरान खान

  • कांग्रेस

पोकरण

सालेह मोहम्मद

  • कांग्रेस
vs

महंत प्रतापपुरी महाराज

  • भाजपा

लक्ष्मणगढ़

गोविंद सिंह डोटासरा

  • कांग्रेस
vs

सुभाष मेहरिया

  • भाजपा

विद्याधर नगर

दीया कुमारी

  • भाजपा
vs

सीताराम अग्रवाल

  • कांग्रेस

सरदारपुरा

अशोक गहलोत

  • कांग्रेस
vs

डॉक्टर महेंद्र सिंह राठौड़

  • भाजपा

सवाई माधोपुर

डॉ किरोड़ी लाल मीणा

  • भाजपा
vs

दानिश अबरार

  • कांग्रेस

सिविल लाइंस

प्रताप सिंह खाचरियावास

  • कांग्रेस
vs

गोपाल शर्मा

  • भाजपा

राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023

राजस्थान में साल 2023 में राज बदला और रिवाज कायम रहा। यहां हर पांच में भाजपा और कांग्रेस के बीच सत्ता की अदला-बदली होती है। तमाम बड़े-बड़े दावे करने वाले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इस रिवाज को नहीं बदल सके।

Rajasthan Assembly Election Results 2023 Highlights

राजस्थान में यूं तो विधानसभा की कुल 200 सीट हैं, लेकिन एक सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी के निधन के कारण चुनाव नहीं हो सका था। 199 सीट में से भाजपा ने 115 पर जीत दर्ज करते हुए सत्ता हासिल की। वहीं कांग्रेस की झोली में 69 सीट गई।

यहां कांग्रेस की हार के कई कारण गिनाए जा रहे हैं, जिनमें सबसे बड़ा है अंदरूनी कलह। प्रदेश में पार्टी के दो शीर्ष नेता, अशोक गहलोत और सचिन पायलट, आपस में लड़ते रहे।

वहीं साम्प्रदायिक मामलों में अशोक गहलोत सरकार निष्पक्ष नजर नहीं आई। यह दूसरा बड़ा कारण रहा कि राजस्थान की जनता ने कांग्रेस से मुंह मोड़ लिया।

मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की तरह यहां भी कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व नाकाम रहा। राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा ने अपनी पूरी ताकत झोंकी, लेकिन इतिहास नहीं बना सके।

भाजपा ने यहां भी किसी को सीएम फेस घोषित नहीं किया और नरेंद्र मोदी के चेहरे पर ही चुनाव लड़ा, जिसका सकारात्मक परिणाम हासिल हुआ

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