मुंबई। महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने राज्य विधानसभा में शनिवार को हुए शक्ति परीक्षण में 169 विधायकों के समर्थन से विश्वास मत जीत लिया। इससे पहले पहली बार सदन में पहुंचे ठाकरे ने वहां का सियासी माजरा देख कर कहा, 'मैं मैदान में लड़ने वाला आदमी हूं।" भाजपा ने मतदान से पहले अपने 105 विधायकों के साथ वॉकआउट किया। पूर्व सीएम देवेंद्र फड़नवीस ने कहा कि विस की कार्यवाही में संविधान का उल्लंघन किया गया। किसी ने बाल ठाकरे के नाम तो किसी ने सोनिया गांधी व शरद पवार के नाम शपथ ली।
बारंबार लूंगा शिवाजी का नाम
भगवा साफे में अपने सभी साथी विधायकों के साथ विस पहुंचे ठाकरे ने विश्वास मत से पहले सदन में फड़नवीस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, 'शपथ में जब हमने छत्रपति शिवाजी का नाम लिया तो आप चिढ़ गए। मैं उनका नाम बारंबार लूंगा। भाजपा द्वारा मंत्रियों की शपथ को गलत करार देने और संविधान के नाम की शपथ नहीं लेने के आरोप के जवाब में भी उद्धव ने यह बात कही। उन्होंने कहा 'यह महाराष्ट्र की संस्कृति नहीं है। क्रांतिकारी, समाज सुधारकों और साधुओं का यह महाराष्ट्र है, जिनकी शपथ लेकर हमने यह काम संभाला है, उन्हें हमारे कार्यों पर गौरव हो, हमें इस तरह से काम करना है।
मैं अब तक मैदान में लड़ने वाला आदमी रहा हूं। लेकिन यहां जो व्यवहार देखा, उससे लगा कि मैदान ही सही था। मतभेद सभी के होते हैं, परंतु यहां गलत तरीके से मतभेद रखने की बात हुई।
-उद्धव ठाकरे, मुख्यमंत्री महाराष्ट्र
राज ठाकरे व ओवैसी की पार्टी का नहीं मिला वोट
प्रोटेम स्पीकर दिलीप वलसे पाटिल ने विश्वास मत की कार्यवाही संचालित की। पूर्व सीएम अशोक चव्हाण ने उद्धव ठाकरे के समर्थन में प्रस्ताव पेश किया, जिसका राकांपा व शिवसेना सदस्यों ने समर्थन किया। जो चार सदस्य गैर हाजिर रहे उनमें असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिसे इत्तेहादुल (एआईएमआईएम) के दो, माकपा के एक व उद्धव के चचेरे भाई राज ठाकरे की मनसे के एक विधायक शामिल हैं।
सदन संचालन में संविधान का उल्लंघन : फड़नवीस
पूर्व सीएम फड़नवीस ने आरोप लगाया कि विधानसभा की कार्यवाही के संचालन में नियमों का उल्लंघन हुआ। इसके विरोध में उनकी पार्टी ने वॉकआउट किया। इस मामले को राज्यपाल के समक्ष उठाकर इस कार्यवाही को अवैध घोषित करने की मांग की जाएगी।
आपत्तियों के बिंदु
-प्रोटेम स्पीकर विश्वास मत की प्रक्रिया नहीं करा सकते।
-विस सत्र राज्यपाल के जरिए बुलाना था।
-ठाकरे व छह अन्य मंत्रियों की शपथ भी नियमानुसार नहीं हुई।
-बालासाहब ठाकरे, सोनिया गांधी व शरद पवार के नाम पर शपथ ली गई।
-पिछले सत्र के अंत में चूंकि राष्ट्रगान हुआ था, इसका मतलब था कि सत्रावसान हो गया।
-नया सत्र राष्ट्रगीत के साथ शुरू होना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
स्पीकर का चुनाव रविवार को
कांग्रेस ने पाटोले तो भाजपा ने कठोरे को बनाया प्रत्याशी
महाराष्ट्र विस के विशेष सत्र के दूसरे दिन रविवार को स्पीकर का चुनाव होगा। सत्ता पक्ष की ओर से कांग्रेस विधायक नाना पाटोले को प्रत्याशी बनाया गया है वहीं भाजपा ने उनके मुकाबले किशन कठोरे को उतारा है।
राकांपा ने अभी तय नहीं किया उपमुख्यमंत्री
इस बीच, महाराष्ट्र राकांपा अध्यक्ष जयंत पाटिल ने कहा है कि उनकी पार्टी ने अभी तय नहीं किया है कि राज्य का उपमुख्यमंत्री कौन होगा। ज्ञात हो कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस गठबंधन सरकार में हिस्सेदारी के फॉर्मूले के अनुसार उपमुख्यमंत्री पद राकांपा के खाते में आया है। जबकि स्पीकर का पद कांग्रेस को मिलना है।