Maharashtra: हाई प्रोफाइल ड्रामे के बाद आखिरकार महाराष्ट्र (Maharashtra) में शिवसेना (Shiv Sena), एनसीपी (NCP) और कांग्रेस (Congress) की गठबंधन सरकार बन गई। इस बीच, एनसीपी प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) के खुलासे जारी हैं। पहले उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें साथ काम करने का ऑफर दिया था, लेकिन उन्होंने इन्कार कर दिया। अब पवार ने कहा कि उन्हें पता था कि भतीजे अजित पवार भाजपा और देवेंद्र फडणवीस से संपर्क में हैं, लेकिन सोचा नहीं था कि इस हद तक चले जाएंगे। पढ़िए शरद पवार का ताजा बयान -
एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में शरद पवार ने कहा कि महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर हमारी कांग्रेस के साथ बातचीत चल रही थी। ये बैठकें बहुत लंबी-लंबी चलती थीं और दोनों पक्षों के नेताओं की ओर से भारी बहसबाजी होती थी। इससे अजित पवार को लगा कि ऐसे तो सरकार बनाना और चलाना संभव नहीं है। तब शिवसेना तो इस बातचीत में शामिल भी नहीं हुई थी। यही कारण है कि उन्होंने भाजपा से संपर्क साधा, जिसकी जानकारी मुझे थी, लेकिन मैंने कभी सोच नहीं था कि वे देवेंद्र फडणवीस के साथ मिलकर सरकार बनाने के लिए इतना आगे तक बढ़ जाएंगे। पवार ने कहा कि कांग्रेस का रुख ठीक नहीं रहा, जिसके कारण अजित पवार को यह कदम उठाना पड़ा।
शरद पवार ने दिए संकेत, मंत्रालय के बंटवारे से खुश नहीं
शरद पवार ने कहा, "एनसीपी के पास कांग्रेस से 10 सीटें ज्यादा हैं। शिवसेना को सीएम पद मिला और कांग्रेस को स्पीकर मिला। मेरी पार्टी को क्या मिला? डिप्टी सीएम को कोई अधिकार नहीं है।" इस तरह पवार ने संकेत दिए हैं कि आने वाले समय में उद्धव ठाकरे के लिए कांग्रेस और एनसीपी के बीच संतुलन बनाना मुश्किल हो सकता है।
एनपीसी प्रमुख ने बताया- अजित पवार की बगावत वाली सुबह क्या हुआ
शरद पवार ने बताया कि सुबह मैं उठा तो पता चला कि अजित पवार ने फडणवीस के साथ मिलकर डिप्टी सीएम पद की शपथ ले ली है। मैं सुसदमे में था। मैंने पार्टी पर नियंत्रण हासिल करने का फैसला किया। मैं तुरंत अपने सभी रिसोर्स को काम पर लगाया और अपने सभी विधायकों को वापस ले आया। विधायकों को बताया गया कि इस कदम से मेरा कोई हाथ नहीं है।