भोपाल (राज्य ब्यूरो)। 'मैं डा. मोहन यादव ईश्वर की शपथ लेता हूं कि मैं विधि द्वारा स्थापित भारत के संविधान के प्रति सच्ची श्रद्धा और निष्ठा रखूंगा। मैं भारत की प्रभुता और अखंडता अक्षुण्ण रखूंगा। मैं मध्य प्रदेश राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में अपने कर्तव्यों का श्रद्धापूर्वक और शुद्ध अंत:करण से निर्वहन करूंगा तथा मैं भय या पक्षपात, अनुराग या द्वेष के बिना विधान और विधि के अनुसार न्याय करूंगा।'
डा. मोहन यादव ने इन्हीं शब्दों के साथ बुधवार सुबह 11.30 बजे भोपाल के मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में मध्य प्रदेश के 19वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने डा. मोहन यादव को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।
इसके बाद राजेंद्र शुक्ल और जगदीश देवड़ा ने भी उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, ज्योतिरादित्य सिंधिया, फग्गन सिंह कुलस्ते, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल,
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह, मेघालय के मुख्यमंत्री कोंराड संगमा, महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस व अजीत पवार, नागालैंड के उप मुख्यमंत्री वाय. पैटन, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, महाराष्ट्र के भाजपा के सह प्रभारी जयभान सिंह पवैया, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा, प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद, पूर्व केंद्रीय मंत्री और विधायक नरेंद्र सिंह तोमर, प्रहलाद पटेल, राकेश सिंह सहित कई धर्मगुरु समारोह के साक्षी बने। 14 मिनट में शपथ ग्रहण कार्यक्रम संपन्न हो गया।
पीएम मोदी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 'एक्स' पर पोस्ट किया कि देश के हृदयस्थल मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने पर डा.मोहन यादव और उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा व राजेंद्र शुक्ला को बधाई। मुझे विश्वास है कि आपके नेतृत्व में राज्य में डबल इंजन सरकार दोगुने जोश के साथ काम करेगी और विकास के नए प्रतिमान गढ़ेगी।
इस अवसर पर यहां के अपने सभी परिवारजनों को भी मैं यह भरोसा देता हूं कि भाजपा सरकार आपके जीवन को आसान बनाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेगी। मध्य प्रदेश में पहली बार किसी महिला मुख्य सचिव द्वारा मुख्यमंत्री की शपथ ग्रहण की कार्रवाई संपन्न करवाई गई।
कार्यक्रम आरंभ होते ही प्रभारी मुख्य सचिव वीरा राणा ने मुख्यमंत्री को शपथ दिलाने के लिए पहले राज्यपाल से अनुमति मांगी, फिर बाकी कार्रवाई संपन्न की। 20 वर्ष पहले हुआ था ऐसा भव्य शपथ ग्रहण कार्यक्रम पूरे 20 वर्ष बाद फिर भोपाल का मोतीलाल नेहरू स्टेडियम भाजपा के प्रादेशिक नेतृत्व में बदलाव का साक्षी बना।
ऐसा भव्य कार्यक्रम भी तभी हुआ था। वर्ष 2003 में उमा भारती को इसी स्टेडियम में मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई थी, तब तत्कालीन प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी, भाजपा के पितृ पुरुष स्व. कुशाभाऊ ठाकरे सहित कई दिग्गज नेता शामिल हुए थे। राजभवन में किया भोज- शपथ ग्रहण समारोह के बाद पीएम मोदी सीधे राजभवन पहुंचे। यहां राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने उन्हें भोज दिया था।
करीब सवा घंटे पीएम मोदी राजभवन में रहे और फिर रायपुर के लिए रवाना हो गए। अव्यवस्था की स्थिति शपथ ग्रहण समारोह में अव्यवस्था की स्थिति रही। मोतीलाल नेहरू स्टेडियम के चारों ओर वाहनों की लंबी कतार लग गई, जिससे आने-जाने वालों को काफी परेशानी हुई।
वीआइपी द्वार से प्रवेश पाने में पूर्व मंत्रियों को भी धक्का-मुक्की का सामना करना पड़ा। बड़ी मुश्किल से पूर्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, प्रद्युम्न सिंह तोमर, तुलसीराम सिलावट, अजय विश्नोई, डा.प्रभुराम चौधरी सहित अन्य प्रवेश कर पाए। भीड़ का दबाव इतना बढ़ गया कि बैरिकेड गिर गए और उसमें फंसकर कुछ लोग भी गिर पड़े। स्टेडियम में प्रवेश करने के लिए द्वार पर भीड़ ने दरवाजे के कांच तोड़ दिए। जैसे-तैसे लोग अंदर पहुंचे तो वहां भी बैठने की जगह नहीं मिली।