MP Election Counting 2023: कर्मचारियों के बंपर मतदान ने भी बढ़ाईं भाजपा-कांग्रेस की धड़कनें
MP Election Counting 2023:मप्र विधानसभा चुनाव ड्यूटी में लगे तीन लाख 34 हजार 354 में से तीन लाख 23 हजार अधिकारियों-कर्मचारियों ने डाक मत पत्र से मतदान किया है।
By Hemant Kumar Upadhyay
Edited By: Hemant Kumar Upadhyay
Publish Date: Wed, 29 Nov 2023 07:14:00 AM (IST)
Updated Date: Wed, 29 Nov 2023 07:44:29 AM (IST)
HighLights
- ओल्ड पेंशन स्कीम से प्रभावित कर्मचारियों के वोटों का किस पार्टी पर कितना पड़ा प्रभाव
- तीन दिसंबर को बताएंगे मतगणना के परिणाम
MP Election Counting 2023: राज्य ब्यूरो, भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में डाक मतपत्रों के जरिए बंपर मतदान ने भाजपा-कांग्रेस की धड़कनें बढ़ा दी हैं। दरअसल, इस बार डाक मत पत्र से अधिकारियों और कर्मचारियों ने 96 प्रतिशत मतदान किया है और इससे राज्य का औसत मतदान 77.15 प्रतिशत में भी वृद्धि होगी।
हो सकती है निर्णायक भूमिका
इस चुनाव में मतदान ड्यूटी में लगे कर्मचारियों के कितने मत किस दल को मिले, यह तो तीन दिसंबर को मतगणना के बाद ही सामने आएगा, लेकिन पिछले चुनाव की तरह इस बार भी अधिकारियों और कर्मचारियों के मतों की चुनाव परिणाम में निर्णायक भूमिका हो सकती है।
तीन लाख 23 हजार अधिकारियों-कर्मचारियों ने डाक से डाले वोट
चुनाव ड्यूटी में लगे तीन लाख 34 हजार 354 में से तीन लाख 23 हजार अधिकारियों-कर्मचारियों ने डाक मत पत्र से मतदान किया है। 11 हजार 354 ने डाक मत पत्र जारी होने के बाद भी वोट नहीं डाले। 51 हजार 259 बुजुर्ग और 12 हजार 93 दिव्यांगों ने घर से मतदान किया है। इसी तरह 75 हजार 382 सेवा मतदाताओं को डाक मत पत्र दिए गए हैं। इनके मतों की गणना डाक मत पत्रों के साथ होगी। अब ओल्ड पेंशन स्कीम से प्रभावित कर्मचारियों के वोटों का किस पार्टी पर कितना पड़ा प्रभाव, इसका खुलासा तीन दिसंबर होगा।
2018 के चुनाव में कर्मचारियों के कांग्रेस को मिले थे अधिक वोट
वर्ष 2018 के चुनाव परिणामों के अनुसार डाक मतपत्रों में 45.61 प्रतिशत कांग्रेस, 40.16 प्रतिशत भाजपा, 4.42 प्रतिशत बसपा, 3.82 प्रतिशत निर्दलीय और बाकी अन्य दलों के उम्मीदवारों को मिले थे। वर्ष 2018 के चुनाव में कांग्रेस को भाजपा की तुलना में अधिकारियों-कर्मचारियों के अधिक वोट मिले थे। कांग्रेस को एक लाख 31 हजार 24 अधिकारियों-कर्मचारियों ने वोट दिया था, जबिक, भाजपा को एक लाख 15 हजार 565 मत मिले थे। उधर, कुल प्राप्त मत की बात करें तो भाजपा और कांग्रेस के बीच आधा प्रतिशत से भी कम का अंतर था।
भाजपा-कांग्रेस ने कर्मचारियों को साधने किए है वादे
भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों ने कर्मचारियों को साधने के लिए बड़े-बड़े वादे किए हैं। कांग्रेस ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करने की गारंटी दी थी का तो भाजपा नई पेंशन स्कीम को और प्रभावी बनाने की बात कही है। साथ ही मंहगाई भत्ता बढ़ाने के साथ ही कर्मचारी हितैषी कई कदम उठाए गए। अब तीन दिसंबर को मतगणना के परिणाम बताएंगे कि किस पार्टी के वादों ने कर्मचारियों को प्रभावित किया है।