भोपाल, नईदुनिया प्रतिनिधि। 17 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव मैदान में भाजपा ने 230 में 228 और कांग्रेस ने 229 प्रत्याशियों को उतार दिया है। भाजपा ने शनिवार को प्रत्याशियों की पांचवीं सूची जारी की इसके साथ ही राजधानी भोपाल की सभी सात सीटों पर दोनों पार्टियों के प्रत्याशियों के नाम तय हो गए हैं वहीं मध्यभारत अंचल में भी गुना और विदिशा काे छोड़कर तस्वीर साफ हो गई है। इन दो सीटों पर भाजपा ने प्रत्याशियों की नाम घोषणा रोक रखी है। राजनीतिक प्रेक्षकों का कहना है कि भाजपा के सामने गुना में जातिगत समीकरण साधने और विदिशा में काटे गए महिला विधायकों के टिकट का संतुलन साधने की चुनौती बनी हुई है।
भाजपा ने भोपाल के दक्षिण-पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के प्रदेश महामंत्री भगवानदास सबनानी को उम्मीदवार बनाया है। इससे भाजपा ने सिंधी समाज को साधा है, क्योंकि कांग्रेस ने हुजूर विधानसभा क्षेत्र से सिंधी समाज के नरेश ज्ञानचदांनी को टिकट दिया है। कुल मिलाकर सिंधी समाज की नाराजगी दूर करने का फायद केवल दक्षिण पश्चिम ही नहीं बल्कि हुजूर में भी इस वर्ग के समर्थन के रूप में भाजपा को मिलेगा।
ऐसे में यह निर्णय हुजूर से भाजपा प्रत्याशी रामेश्वर शर्मा के लिए राहत भरा है। दरअसल दक्षिण पश्चिम में इस विधानसभा क्षेत्र में कर्मचारियों-अधिकारियों की संख्या अधिक है जबकि सिंधी समाज के मतदाता मात्र डेढ़ हजार ही हैं। जबकि हुजूर विधानसभा क्षेत्र में सिंधी समाज की आबादी 55 हजार है।
वर्ष-2018 में पूर्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता को दक्षिण-पश्चिम से भाजपा ने टिकट दिया था। वो कांग्रेस के पीसी शर्मा से 6587 मतों से हार गए थे। इस बार उनका टिकट भाजपा ने काट दिया। अब भाजपा के भगवानदास सबनानी और कांग्रेस के पीसी शर्मा के बीच मुकाबला होगा। भाजपा को उम्मीद है कि यहां के अधिकारी-कर्मचारी उनका साथ देंगे जिसका लाभ मिलेगा ।
ढ़त के लिए भाजपा यहां कोई बड़ी गलती नहीं करना चाहती है, यही कारण है कि जिताऊ चेहरे के साथ अन्य समीकरणों को साधने के लिए अंतिम मिनट तक कोशिश जारी है। जबकि कांग्रेस प्रदेश की तरह अंचल में भी अपने मौजूदा विधायकों को टिकट देने की रणनीति पर कायम रही है।
गुना में भाजपा की पांचवी सूची तक किसी का नाम तय नहीं होने से वर्तमान विधायक भाजपा के गोपीलाल जाटव की धड़कनें बढ़ गई हैं। कांग्रेस ने यहां से नए चेहर पंंकज कनेरिया का नाम तय कर दिया है। ऐसे में उम्र यहां से अन्य दावेदारों ने भी जोर लगा रखा है, पार्टी के संगठन से जुड़े नेता कह रहे हैं कि हम 48 घंटों में तस्वीर साफ कर देंगे जबकि जानकारों का कहना है कि अनिर्णय की यह स्थिति खिंच भी सकती है। अंचल में महिलाओं को मौका देने के मामले में भाजपा कांग्रेस के मुकाबले पिछड़ती नजर आ रही है, पार्टी इस स्थिति को साधने का मौका विदिशा में देख रही है जहां पूर्व मंत्री की बेटी दावेदार हैं ऐसे में यहां द्वंद पार्टी की पुरानी पसंद बनाम युवा नेत्री के चयन पर टिक गया है।