राज्य ब्यूरो, भोपाल। प्रदेश के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की बड़ी हार के बाद भी उसकी एक उपलब्धि यह रही कि मात्र दो उम्मीदवारों की ही जमानत जब्त हुई, जबकि वर्ष 2018 के चुनाव में कांग्रेस के नौ उम्मीदवार अपनी जमानत नहीं बचा पाए थे, जबकि पार्टी ने 114 सीटों पर जीत दर्ज की थी। विधानसभा क्षेत्र में कुल वैध मत का 16.66 प्रतिशत (छठा हिस्सा) से कम मत मिलने पर जमानत राशि जब्त कर ली जाती है।
इस बार भाजपा के किसी उम्मीदवार की जमानत जब्त नहीं हुई, जबकि पिछली बार एक की हुई थी। इस चुनाव में बसपा के 181 में से 17, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के दो, निर्दलीय नौ, सपा का एक, आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) का एक प्रत्याशी ही अपनी जमानत बचा पाया।
चुनाव में भाजपा की बड़ी जीत हुई तो बाकी दलों का मत प्रतिशत और सीटें भी घटीं। सीट और मत प्रतिशत दोनों में हमेशा तीसरे या चौथे नंबर पर रहने वाली बसपा को भी बड़ा नुकसान हुआ। वर्ष 2018 के चुनाव में बसपा के 227 में से 25 उम्मीदवार अपनी जमानत बचाने में सफल रहे थे। इनमें दो विजयी भी हुए थे।
इस चुनाव में कांग्रेस के दिमनी से प्रत्याशी रवींद्र सिंह तोमर और डा. आंबेडकर नगर (महू) से प्रत्याशी रहे रामकिशोर शुक्ला अपनी जमानत नहीं बचा पाए। तोमर को 14.84 और शुक्ला को 13.33 प्रतिशत मत प्राप्त हुए। गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के उम्मीदवार जबेरा और शहपुरा, सपा के निवाड़ी और आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के सेवढ़ा से प्रत्याशी अपनी जमानत बचाने में सफल रहे।