रांची। झारखंड में राजद को बड़ा झटका लगा है। पार्टी की प्रदेश अध्यक्ष रही अन्नपूर्णा देवी ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली है। भाजपा के केंद्रीय कार्यालय में राष्ट्रीय महामंत्री भूपेंद्र यादव और मुख्यमंत्री रघुवर दास ने उन्हें भाजपा की सदस्यता ग्रहण कराई। अन्नपूर्णा के साथ राजद के पूर्व विधायक जनार्दन पासवान ने भी भाजपा का दामन थामा। सदस्यता ग्रहण करने के बाद अन्नपूर्णा ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से भी मुलाकात की।
ऐन चुनाव के समय अन्नपूर्णा का भाजपा में जाना प्रदेश में राजद की बड़ी क्षति के रूप में देखा जा रहा है। इस मौके पर मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि वर्तमान सरकार की जनहित नीतियों से प्रभावित हो कर विभिन्न दलों के नेता भाजपा में शामिल हो रहे हैं। अन्नपूर्णा देवी झारखंड की लोकप्रिय नेत्री हैं। इन्होंने जनहित की राजनीति की है। इनके भाजपा में शामिल होने से झारखंड की राजनीति पर इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
सीएम ने कहा कि देश को फिर से मजबूत प्रधानमंत्री की आवश्यकता है। कांग्रेस, राजद, झामुमो, वाम दलों ने गांव, गरीब, पिछड़े, दलित, आदिवासियों के नाम पर राजनीति कर अब तक अपनी मतपेटी भरी है। लेकिन उनकी भलाई के लिए कुछ नहीं किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हर वर्ग के हित के लिए काम किया है। इस आम चुनाव में प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाली सरकार की जनहित नीतियों को देखते हुए मतदाता भाजपा को भारी बहुमत देकर फिर से नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाएंगे।
अटकलों को बताती रहीं फर्जी
राजद की प्रदेश की शीर्ष नेता अन्नपूर्णा देवी समेत पार्टी के तमाम नेता भाजपा में शामिल होने की बात से इन्कार करते रहे हैं। अन्नपूर्णा ने पिछले दिनों प्रेस कांफ्रेंस कर यह स्पष्ट भी किया था कि उनके भाजपा में शामिल होने की बात झूठी हैं। रविवार को भी राजद के प्रधान महासचिव संजय सिंह यादव ने भी इन अटकलों को फर्जी करार दिया था। हालांकि शाम होते-होते स्थिति इसके उलट देखी गई।
कोडरमा की राजनीति ने ली करवट
अन्नपूर्णा के भाजपा में शामिल होने के साथ ही कोडरमा जिले में समाजवादी विचारधारा व सामाजिक न्याय के संघर्ष के एक युग का अंत होगा साथ ही इसमें एक बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। अन्नपूर्णा देवी ने वर्ष 1998 में अपने पति एकीकृत बिहार के मंत्री रहे रमेश प्रसाद यादव की मौत के बाद राजनीति में प्रवेश किया था। 1998 में वो विधानसभा का पहला उपचुनाव लड़ी थी। इसके बाद वर्ष 2000 में विधानसभा चुनाव, 2005 व 2009 का विधानसभा चुनाव जीती थी। उनके पति रमेश प्रसाद यादव वर्ष 1990 से 98 तक कोडरमा के विधायक रहे थे।
कर्पूरी ठाकुर, जयप्रकाश नारायण व लोहिया के विचारों का जिले में वाहक बना यह परिवार अब भगवा रंग में रंगने जा रहा है। इसे आने वाले दिनों में यहां की राजनीति में एक बड़ा हलचल देखने को मिलेगा। उल्लेखनीय होगा कि अन्नपूर्णा देवी लालू परिवार की बेहद करीबी मानी जाती थी, लेकिन पिछले कुछ महीनों में उनके रुख में बदलाव देखा जा रहा था।
माना जा रहा है कि वह झारखंड के प्रदेश नेतृत्व में इस परिवार की ज्यादा दखलअंदाजी और खासकर चतरा से उम्मीदवारी के मामले को लेकर नाराज चल रही थीं। बहरहाल अन्नपूर्णा देवी के इस निर्णय से जिले के राजद कार्यकर्ता पशोपेश में है। कार्यकर्ताओं का एक तबका अन्नपूर्णा देवी के इस फैसले से नाराज है। कहा गया है कि एक-दो दिनों में ही अन्नपूर्णा देवी कोडरमा पहुंचकर कार्यकर्ताओं को मनाने व अपने साथ संगठित करने का प्रयास करेंगी। क्योंकि जिले में राजद का एक मजबूत संगठन है, अन्नपूर्णा देवी को आगे की राजनीति के लिए इन्हें अपने साथ लाना बेहद जरूरी होगा।
अन्नपूर्णा राजद से निष्कासित, गौतम सागर राणा बने राजद के झारखंड का प्रदेश अध्यक्ष
इस बीच, राजद ने पार्टी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के आदेश पर अन्नपूर्णा देवी को राजद के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटा दिया है। गौतम सागर राणा को पार्टी ने झारखंड का प्रदेश अध्यक्ष बनाया है। झारखंड में राजद के नए प्रदेश अध्यक्ष गौतम सागर राणा ने कहा है कि अन्नपूर्णा देवी के जाने से राजद पर कोई असर नहीं पड़ेगा। उनके मुताबिक, कई महीने से अन्नपूर्णा देवी भाजपा के संपर्क में थीं। पार्टी छोड़ने के लिए अन्नपूर्णा चतरा सीट का बहाना कर रही थीं। पूरा झारखंड राजद एकजुट है।
इधर अन्नपूर्णा देवी के भाजपा में शामिल होने की चर्चा से क्षेत्र का राजनीतिक पारा भी उफान पर पहुंच गया है। विभिन्न सोशल मीडिया में इस बात को लेकर काफी तकरार भी चल रही है। यहां तक की राजद के नेता व कार्यकर्ता भी अन्नपूर्णा देवी के निर्णय को लेकर पशोपेश में है।