नई दिल्ली/रोहतक। हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर जारी सस्पेंस शुक्रवार रात खत्म हो गया। जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) ने भाजपा को समर्थन देने का फैसला कर लिया है। इससे पहले शुक्रवार दिन भर भारी गहमागहमी रही। पढ़िए दिन भर का हाल -
सुहह से सभी की नजरें जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) पर टिकी थी, जिसके अध्यक्ष दुष्यंत चौटाला ने विधायक दल के नेता चुने जाने के बाद दिल्ली में संकेत दिए कि वे भाजपा के साथ जा सकते हैं। हालांकि यह भी कहा कि उनके सामने विकल्प खुले हैं। वे भाजपा और कांग्रेस, दोनों से संपर्क में है। जल्द फैसला लिया जाएगा। इस बीच कांग्रेस ने भी उम्मीद नहीं छोड़ी है।
इससे पहले छह निर्दलीय विधायकों ने दिल्ली में भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्ढा से मुलाकात कर समर्थन व्यक्त किया। हरियाणा के पांच निर्दलीय विधायकों ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, हरियाणा के प्रभारी अनिल जैन के साथ नड्ढा से उनके निवास पर मुलाकात की। इस मुलाकात में राज्य में फिर भाजपा सरकार बनाने की रणनीति को अंतिम रूप दिया गया।
भाजपा नेता जवाहर यादव ने बताया कि पांचों निर्दलीय विधायक पार्टी को बिना शर्त समर्थन देने लिए नड्ढा से मिले और उन्हें समर्थन का पत्र सौंपा। इनसे पहलेरंजीत चौटाला ने भी खट्टर व नड्ढा से मिलकर समर्थन दिया। इसके साथ ही 90 सदस्यीय हरियाणा विस में बहुमत के लिए जरूरी संख्या बल भाजपा ने हासिल कर लिया है। पार्टी ने गुरुवार को आए नतीजों में 40 सीटें जीतीं हैं। जबकि बहुमत के लिए उसे 46 का आंकड़ा चाहिए था।
कांग्रेस ने भी उम्मीद नहीं छोड़ी है। दुष्यंत ने कहा कि जहां सम्मान मिलेगा, वहां जाएंगे। उन्होंने कॉमन मिनिमम प्रोग्राम की बात भी कही। इस पर भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस दुष्यंतजी का हर सुझाव मानने को राजी है। कांग्रेस ने अपने मेनिफेस्टों में कॉमन मिनिमम प्रोग्राम की बात कही है। अब फैसला जेजेपी को करना है।