मनीष तिवारी/रायपुरl Chhattisgarh Election 2023: किसानों की कर्जमाफी, भूमिहीनों को पैसा, सस्ता सिलिंडर, गरीबों को घर, पुरानी पेंशन स्कीम, धान खरीद के लिए रिकार्ड तोड़ भुगतान, कर्मचारियों के लिए डीए की अतिरिक्त किस्त.. छत्तीसगढ़ की चुनावी बिसात इन और इन जैसे तमाम वादों की जमीन पर बिछी है।
17 नवंबर को राज्य में दूसरे और अंतिम चरण में 70 सीटों पर मतदान से पहले रायपुर शहर और आसपास के वोटर इनकी गिनती कर रहे हैं, क्योंकि ऐसे ज्यादातर वादों में भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के चेहरे को सामने रखकर उनकी सरकार को चुनौती दे रही भाजपा की स्थिति एक जैसी है। ये वादे छत्तीसगढ़ जैसे राज्य पर एक लाख करोड़ रुपये से अधिक का भार डाल सकते हैं, यह पैसा कहां से आएगा, इसकी कोई जानकारी नहीं है।
रायपुर में कैब चलाने वाले निकुंज दास का परिवार वर्षों पहले बंगाल से आया था। दास उन लोगों में शामिल हैं जो बघेल सरकार की ओर से इसी साल कराए गए एक आर्थिक सर्वेक्षण में गरीब पाए गए हैं। बघेल सरकार ने ऐसे सभी लोगों को अपने दम पर घर देने का वादा किया है। हाल में चुनाव प्रचार के दौरान जब पीएम आवास योजना को लेकर भाजपा और कांग्रेस में वाकयुद्ध छिड़ा तो गरीबों को घर देने का मसला फिर से सतह पर आ गया।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने खुद अपने स्तर पर 17.5 लाख घर देने का वादा किया है। हालांकि निकुंज दास को यह भरोसा नहीं है कि राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में घर बने भी हैं और अगर बने भी हैं तो लोगों को मिले भी हैं। उनका कहना है कि मैं अब तक दस बार आवेदन कर चुका हूं, लेकिन मुझे कभी घर नहीं मिला।
निकुंज के लिए यह मायने नहीं रखता कि पीएम आवास योजना को लेकर केंद्र सरकार की यह बात सही है कि राज्य सरकार के कारण उसे 1200 करोड़ रुपये की धनराशि वापस लेनी पड़ी या बघेल सरकार का यह आरोप कि केंद्र की नीयत ही पैसे देने की नहीं है।
वास्तव में 2011 की जनगणना और उसके बाद 2015 में रिजर्व बैंक की एक रिपोर्ट के अनुसार छत्तीसगढ़ में 17 लाख आवासहीन लोगों को घरों की जरूरत आंकी गई। बघेल सरकार का दावा है कि पिछले साढ़े चार साल में 13.5 लाख आवास दे चुके हैं, लेकिन स्थिति यह है कि अभी भी खुद सीएम को भाजपाई हमले का जवाब देने के लिए 17 लाख और मकान बनाने की घोषणा करनी पड़ी। अगर 35 लाख किसानों को अलग कर दिया जाए तो यह लाभार्थियों का दूसरा सबसे बड़ा समूह है।
कांग्रेस नेता सतीश शुक्ला कहते हैं कि हम अपने संसाधनों से सभी को घर देंगे। पैसे का इंतजाम हो जाएगा। केंद्र सरकार पर हमारे 50 हजार करोड़ से ज्यादा बकाया हैं। उनकी दलील यह भी है कि जब पीएम आवास योजना शहरी में केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ को पुरस्कृत किया है तो हमारा प्रदर्शन खराब कैसे है। दूसरी ओर भाजपा के नेता पीएम आवास योजनाओं जैसे केंद्रीय कार्यक्रमों की सफलता के लिए डबल इंजन सरकार का महत्व समझा रहे हैं।