अरुण सागर उत्तर प्रदेश में बड़े दलित नेता के रूप में शुमार हैं। पहले उन्होंने मायावती की बहुजन समाज पार्टी बसपा में रहकर 2012 का विधानसभा चुनाव लड़ा था और हार गए थे। मायावती ने उनको पार्टी विरोधी गतिविधि का आरोप लगाकर निकाल दिया था। इसके बाद 2015 में बहुजन समाज पार्टी छोड़ने के बाद अरुण सागर तुरंत भाजपा में शामिल हो गए। इसके बाद 2019 में इन्होंने 17वीं लोकसभा का चुनाव लड़ा और जीत गए। उनकी पत्नी का नाम रूपा सागर है और उनके तीन बच्चे हैं। उन्होंने अपनी पढ़ाई उत्तर प्रदेश के रामशरण सिंह विद्यालय, बिजनौर से की है।
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