MP Election 2023: रतलाम से सदगुरु शरण। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में यदि कांग्रेस की उम्मीदें भाजपा सरकार और शिवराज सिंह की एंटी इनकम्बेंसी पर टिकी हैं तो उसके नेतृत्व को शनिवार को रतलाम में आयोजित प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जनसभा के विजुअल गंभीरता से देखने चाहिए।
इस सभा के संकेत बिल्कुल साफ हैं और कांग्रेस के लिए किसी हद तक चिंताजनक भी। पहली बात, भाजपा गहरे शोध-आधारित होमवर्क और भरपूर आत्मविश्वास के साथ मैदान में उतरी है जिससे पार पाना कतई आसान नहीं है।
दूसरी बात, शिवराज सिंह की बहुचर्चित लाड़ली बहना योजना का जादू लाभार्थियों के सर चढ़कर बोल रहा है। कांग्रेस को पहले ही ऐसी आशंका थी जो सच साबित हो रही है। सभा में महिलाओं की भागीदारी और उनका आत्मविश्वास समीक्षकों को चौंकाने वाला रहा।
आइए, अब सभास्थल चलते हैं। यह भाजपा की पहली औपचारिक चुनाव सभा है, इसलिए माहौल कुछ ज्यादा ही उत्सवी है। रतलाम शहर के सिरे पर स्थित बंजली गांव में इस सभा के लिए स्थापित विशाल पंडाल इस तरह केसरिया छटा बिखेर रहा है कि मंच की पृष्ठभूमि पर चुनाव निशान कमल अंकित न होता तो यह किसी धर्मसभा का भ्रम पैदा करता।
भगवान राम के भजन और जय श्रीराम का उदघोष पंडाल के दायरे से बाहर निकलकर इस भ्रम को मजबूत करने का प्रयास करता है यद्यपि हर दिशा से इस पंडाल की ओेर बढ़ रहे भाजपा समर्थकों के हुजूम के साथ लहराते झंडे सच्चाई बयां कर देते हैं। दरअसल, बंजली में भाजपा का चुनाव अभियान शुरू करने पीएम मोदी आ रहे हैं।
अभी दो बजे हैं। मोदी जी तीन बजे के बाद पहुंचेंगे। पंडाल धीरे-धीरे भर रहा है। दृश्य आम चुनाव सभाओं से अलग है। लोग परिवार की इकाई के रूप में दिख रहे हैं। यानी पति-पत्नी और बच्चे भी। ऐसी हर इकाई में शामिल महिला अतिरिक्त उत्साह दर्शाती दिख रही है, नेतृत्वकर्ता जैसी मुद्रा में।
स्पष्ट है कि पति-बच्चों से आगे-आगे चल रहीं ये महिलाएं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की लाड़ली बहनें हैं। वे सुरक्षा और व्यवस्था की सारी बाधाओं को पार करके पंडाल के अग्रिम हिस्से में काबिज हो रही हैं। उनके बाडी लैंग्वेज में विशिष्टता का भाव साफ पढ़ा जा सकता है।
सजी-धजी बहनों की मौजूदगी से स्वाभाविक रूप से यह हिस्सा बाकी पंडाल के मुकाबले अधिक रंगारंग और जीवंत हो उठा है। भजन मंडली को थोड़ा विश्राम देने के लिए बीच-बीच में मेरा रंग दे बसंती चोला जैसे देशभक्ति के तराने बजने लगते हैं, तब लाड़ली बहनें और युवा कार्यकर्ता इनकी धुन-लय पर थिरकने लगते हैं।
सभा संचालक निश्चित अंतराल पर माइक थामकर मोदी जी की लोकेशन बता रहे हैं। एक हेलिकाप्टर सभा स्थल से कुछ दूरी पर उतरता है तो पूरे पंडाल में आवेश दौड़ जाता है। भ्रम भांपकर संचालक स्थिति साफ करते हैं कि मोदी जी कुछ देर में आएंगे। अभी उनका स्वागत करने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह पहुंचे हैं।
मंच सज्जा बहुत कुछ कह रही है। इसकी पृष्ठभूमि पर एक सादा बैकड्राप लगा है जिस पर किसी भी नेता की फोटो नहीं है। राजनीतिक सभाओं की दृष्टि से यह दुर्लभ घटना है। इस पर पार्टी का चुनाव चिह्न कमल प्रमुखता से अंकित है और इसके बगल में पार्टी की पंचलाइन 'एमपी के मन में मोदी' का लोगो लगा हुआ है।
स्पष्ट है कि भाजपा चेहरों के बजाय चुनाव चिह्न को आगे रखेगी। बाकी काम पीएम मोदी का नाम करेगा। मुख्यमंत्री मंच पर पहुंचते हैं तो पंडाल में हलचल मच जाती है। संचालक मध्य प्रदेश की शान है-शिवराज सिंह चौहान है, का नारा कार्यकर्ताओं के साथ बुलंद कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री सबसे मिल-जुलकर प्रधानमंत्री का स्वागत करने के लिए निकल गए। अब रतलाम, मंदसौर और उज्जैन के सांसद एक-एक कर सभा को संबोधित कर रहे हैं।
चार बज रहे हैं। मोदी जी का हेलिकाप्टर नीचे उतरता है। पूरा पंडाल मोदी-मोदी के चिर-परिचित उद ोष की उत्तेजना से भर जाता है। करीब पांच मिनट बाद केसरिया रंग की टोपी धारण किए हुए मोदी मंच पर आ गए।
वह मंच के एक से दूसरे सिरे तक टहलकर अपनी शैली में समर्थकों का अभिवादन करते हैं। इसके बाद मंचस्थ सांसदों और उम्मीदवारों से मिलते हैं। शिवराज जी केसरिया अंगवस्त्र भेंटकर उनका औपचारिक स्वागत करते हैं और संचालक के आग्रह पर माइक संभालकर मुश्किल से चार-पांच मिनट में मोदी जी की जय-जय करके भारत माता की जय बोल देते हैं। पोडियम छोड़ते हुए उन्होंने प्रधानमंत्री को संबोधन के लिए आमंत्रित कर दिया।
करीब सवा चार बज रहे हैं। अब मोदी जी पोडियम पर हैं।
मोदी-मोदी का नाद समर्थकों के उत्साह की मुनादी कर रहा है। इस उत्तेजना के बीच मोदी जी अपनी चिर-परिचित शैली में मंद-सधे स्वर में तीन बार भारत माता का जयघोष करवाते हैं। अब सभा गंभीर और कार्यकर्ताओं के लिए कार्यशाला जैसी हो चली। सबसे पहले विकास की बात।
उसमें भी मध्य प्रदेश ऊपर। मध्य प्रदेश के चौतरफा विकास और देश के विकास में मध्य प्रदेश के योगदान की चर्चा। इसके बाद केंद्र सरकार की उपलिब्धयों का वर्णन। स्पष्ट है कि भाजपा विकास को किसी भावनात्मक मुद्दे से पीछे नहीं रखेगी।
अब कांग्रेस पर निशाना, वो भी सीधे परिवारवाद के रूप में। पहले प्रदेश के नेता निशाने पर आए। वह कहते हैं कि कांग्रेस के दोनों नेताओं को इस चुनाव में पार्टी का हश्र पता है, इसलिए दोनों अपने बेटों को कांग्रेस की कमान सौंपने के लिए एक-दूसरे के कपड़े फाड़ रहे हैं। अगला तीर दिल्ली दरबार पर। मोदी कहते हैं कि कांग्रेस को देश की नहीं, सिर्फ एक परिवार की चिंता है।
सारा संघर्ष उसी परिवार के लिए है। मोदी जी ने अपने संबोधन में राम मंदिर का जिक्र नहीं किया यद्यपि उनके संबोधन के दौरान और उससे पहले भी पंडाल में लगातार गूंजते 'रामलला हम आएंगे' के नारे मतदाताओं की मनोदशा बताने को काफी हैं।
पंडाल के अग्र सिरे पर काबिज महिलाओं की हलचल पीएम मोदी का ध्यान खींचती है। वह भावुक हो जाते हैं। बोले, जहां बहनें दिखती हैं, तुरंत मामा का ध्यान आ जाता है। मध्य प्रदेश की लाड़ली बहना और लाड़ली लक्ष्मी योजनाओं की सराहना पूरे देश में हो रही है।
अब शिवराज जी के भावुक होने की बारी है। वह एकटक कभी मोदी जी को, तो कभी बेहद प्रफुल्लित-उत्साहित दिख रहीं लाड़ली बहनों को निहार रहे हैं। उनके काम पर मोदी की मोहर उनके लिए इस दिन का यादगार तोहफा है क्योंकि प्रधानमंत्री के पिछले कुछ दौरों में कार्यकर्ताओं को इस सराहना की कमी महसूस हुई थी। मोदी जी अब समर्थकों से सीधा संवाद कर रहे हैं।
वह बार-बार हां करवाने के बाद समर्थकों को अपना व्यक्तिगत काम बताते हैं कि यहां से लौटकर अपने आसपास हर घर में जाकर कहना कि मोदी जी ने प्रणाम कहा है और आशीर्वाद मांगा है। अब कार्यकर्ताओं को आत्मविश्वास की अंतिम खुराक।
वह कहते हैं कि मध्य प्रदेश के चुनाव परिणाम पर अटकलबाजी व्यर्थ है। प्रयास सिर्फ यह करना है कि इस बार दो तिहाई बहुमत से सरकार बने। 25-30 मिनट के संबोधन में सारे विषय स्पर्श करके उन्होंने मानो कार्यकर्ताओं के तरकश सजा दिए। सब अपने को सशक्त महसूस करके मोदी जी के हेलिकाप्टर को ऊंचाई पर जाते निहार रहे हैं, अपने लक्ष्य और सपनों की तरह।