शिवराज सिंह चौहान
संगच्छध्वं संवदध्वं सं वो मनांसि जानताम्। देवा भागं यथा पूर्वे सञ्जानाना उपासते।।
Mann Ki Baat 100th Episode: ऋग्वेद की इस ऋचा में संकल्प है कि ‘हम सब एक साथ चलें, एक साथ बोलें, हमारे मन समान हों’। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में ऋग्वेद का यह घोष नए भारत के नवनिर्माण के रूप में आकार ले रहा है। देश के विकास और निर्माण के संकल्प को प्रधानमंत्री ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम से जन-जन तक पहुंचाया है। आज अद्भुत, अनूठा और ऐतिहासिक दिन है।
प्रधानमंत्री जी के मन की बात कार्यक्रम की 100वीं कड़ी में वे पूरे देश से संवाद करेंगे। यह हम सभी के लिए गौरव की बात है कि देश के इतिहास में पहली बार किसी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा रेडियो पर शुरू की गई जन संवाद की श्रृंखला देश-दुनिया तक पहुंच गई है। प्रधानमंत्री जी को इस विशेष उपलब्धि के लिए बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं। प्रधानमंत्री मोदी के मन की बात करने का मुख्य उद्देश्य है "आओ हम सब मिलकर देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाएं। हर कोई एक कदम चले, यदि आप एक कदम चलते हैं तो देश 131 करोड़ कदम चलता है"।
प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश और प्रदेश बदल रहा है। वे एक गौरवशाली, वैभवशाली, शक्तिशाली, संपन्न और समृद्ध भारत के निर्माण की दिशा में अग्रसर हैं। मन की बात का यह शतकीय अवसर देशभर में उत्सव की तरह मनाया जा रहा है। मध्य प्रदेश में इसके लिए विशेष तैयारियां की गई हैं। प्रदेश के सभी 66 हजार बूथ, वार्डों और सभी पंचायतों में इस ऐतिहासिक संवाद को सुनने की व्यवस्था की गई है। हमने राजभवन में विशेष आयोजन कर प्रदेश के उन होनहार और प्रतिभाशाली लोगों को भी आमंत्रित किया है, जिनके संघर्ष, नवाचारों और प्रयासों के बारे में प्रधानमंत्री जी ने देश की जनता को बताया है। हमारे लिए सौभाग्य की बात है कि प्रधानमंत्री ने मन की बात कार्यक्रम में मध्य प्रदेश का कई बार उल्लेख किया है।
प्रदेश में हो रहे नवाचारों और जन-जागरूकता अभियान के अलावा प्रदेश की जनता द्वारा किए गए महत्वपूर्ण कार्यों की उन्होंने सराहना की और इससे जुड़े लोगों को प्रोत्साहित किया है। मुझे यह बताते हुए प्रसन्नता है कि 3 अक्टूबर 2014 को प्रधानमंत्री ने रेडियो पर मन की बात कार्यक्रम की शुरुआत की थी। इस कार्यक्रम ने भारत की समृद्ध संस्कृति तथा परंपरा में सामान्य जन की रुचि को पुनर्जीवित किया और आधारभूत स्तर पर लोगों को विशेष पहचान दी है। यह एक असाधारण पहल है, जो हमें अपनी जड़ों की ओर वापस ले जाने के लिए प्रेरित करती है।
प्रधानमंत्री मोदी देशवासियों के दिल में बसते हैं। उनके मन की बात देशवासी सुनते भी हैं और आत्मसात भी करते हैं। इंडियन इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट (आइआइएम) के एक सर्वेक्षण में पाया गया कि प्रधानमंत्री जी का लोकप्रिय कार्यक्रम मन की बात 100 करोड़ से अधिक लोगों तक पहुंच चुका है। लगभग 96 प्रतिशत से अधिक जनता इससे परिचित है। यह 22 भारतीय भाषाओं, 29 बोलियों, अंग्रेजी के साथ 11 विदेशी भाषाओं में प्रसारित होता है, जिनमें फ्रेंच, चीनी, इंडोनेशियाई, तिब्बती, बर्मी, बलूची, अरबी, पश्तो, फारसी, दारी और स्वाहिली शामिल है। इस कार्यक्रम की पहुंच विश्व स्तर पर है।
मन की बात कार्यक्रम जनचेतना और बदलाव का सबसे बड़ा उदाहरण है। जब भी देश पर कोई संकट आया, तब प्रधानमंत्री ने इस कार्यक्रम से देशवासियों का मार्गदर्शन किया और संकट को दूर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। कोरोना से बचाव, शिक्षा, कौशल विकास, रोजगार, स्वरोजगार, नवाचार, खेल, महिला सशक्तीकरण, किसान कल्याण, जनजातीय विकास, पर्यावरण संरक्षण और संवर्धन आदि के लिए हम सभी को प्रेरित किया है। मुझे याद आता है, प्रधानमंत्री ने इसके पहले एपिसोड में कहा था कि मेरे देश की ताकत गरीब की झोपड़ी में, गांव में, माताओं, बहनों, नौजवानों और किसानों में है।
मन की बात कार्यक्रम न सिर्फ प्रधानमंत्री मोदी के मन की अभिव्यक्ति है बल्कि यह लोगों की अपेक्षाओं की भी अभिव्यक्ति बन गया है। पूरे महीने लोग इसमें सुझाव देते हैं। आम जनता के सुझावों का सम्मान करते हुए प्रधानमंत्री जी इस पर चिंतन-मनन के उपरांत देशवासियों तक पहुंचाते हैं। यह एक उभयपक्षीय कार्यक्रम है, जिसमें प्रधानमंत्री के साथ श्रोताओं का एक भावनात्मक जुड़ाव निर्मित हुआ है। इसके प्रभाव का परिणाम लोगों के व्यवहार और कार्यों में दिखाई देता है। सबसे बड़े लोकतंत्र के प्रधानमंत्री का यह सीधा संवाद एक अभिनव पहल है। (लेखक मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं)