नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में नए ट्रैफिक नियम का सख्ती से पालन किए जाने का असर दिखाई देने लगा है। पिछले एक महीने में वाहन चालकों द्वारा बनाए गए पॉल्यूशन सर्टिफिकेट की संख्या जानकर आप भी चौंक जाएंगे। परिवहन विभाग के मुताबिक बीते एक महीने में पॉल्यूशन सर्टिफिकेट बनाने का रिकॉर्ड टूटा है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक यहां एक महीने में 14 लाख से ज्यादा पॉल्यूशन सर्टिफिकेट जारी किए गए हैं। आमतौर पर हर महीने दिल्ली में औसतन 3.5 से 4 लाख के बीच पॉल्यूशन सर्टिफिकेट बनाए जाते थे, लेकिन इस बार उनकी संख्या चार गुना तक पहुंच गई है।
नई ट्रैफिक जुर्माना नीति का दिखने लगा असर
केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में ट्रैफिक को सुधारने के लिए नई जुर्माना नीति का निर्धारण किया है। जो कई राज्यों में लागू किया गया है। नई जुर्माना नीति के तहत वाहन चालकों को ट्रैफिक नियम तोड़ने पर भारी भरकम जुर्माना अदा करना पड़ रहा है। दिल्ली NCR में ट्रैफिक पुलिस इन नियमों का सख्ती से पालन करा रही है।
यही वजह है कि यहां वाहन चालकों के भारी भरकम चालान बन रहे हैं। कई वाहन चालकों को तो लाखों रुपए का जुर्माना चुकाना पड़ा है। छोटे वाहन चालकों की जेब भी इस नई जुर्माना नीति के बाद कटने लगी है। यही वजह है कि अब वाहन चालक दस्तावेज पूरे करने में जुट गए हैं।
सबसे ज्यादा भीड़ पॉल्यूशन कंट्रोल सर्टिफिकेट (PUC) बनवाने में जुट रही है। कई वाहन चालकों द्वारा कई सालों से पीयूसी नहीं बनवाए गए थे। ऐसे लाखों वाहनों की पहचान हुई है।
कई राज्यों में नई जुर्माना नीति का विरोध
देश की राजधानी में जहां नई जुर्माना नीति के तहत धड़ल्ले से चालान बन रहे हैं। वहीं दूसरी ओर कई भाजपा शासित राज्यों में ही इस नई जुर्माना नीति का विरोध होने लगा है। गुजरात सरकार ने प्रदेश में नई जुर्माना नीति के तहत लगने वाले फाइन को आधा कर दिया है। वहीं महाराष्ट्र की फडणवीस सरकार द्वारा भी जुर्माने में कमी किए जाने की मांग की गई है।
वहीं दूसरी ओर मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में जहां कांग्रेस का शासन है। इन राज्यों में फिलहाल नई जुर्माना नीति को लागू नहीं किया गया है। फिलहाल इस पर विचार किया जा रहा है।