नई दिल्ली। दिल्ली में एक चोरी का अजीब मामला सामने आया है। पहले तो सिविल इंजीनियर ने अपनी लक्जरी कार बेची और फिर कुछ ही घंटों के बाद उसे चुराकर वापस भी ले आया। आसानी से पैसे कमाने और कार भी अपने पास रखने के लालच में सिविल इंजिनियर मनोज सिंघल को गिरफ्तार कर लिया गया है।
डीसीपी साउथ ने बताया कि आरोपी को उत्तर प्रदेश के काशीपुर में उसके गृहनगर से पकड़ा गया और कार को उसके पास से बरामद कर लिया गया है। मनोज ने अखबार में विज्ञापन दिया था कि उसे अपनी आउडी 17 लाख 50 हजार रुपए में बेचनी है।
इस पर सरफराजुद्दीन नाम के शख्स ने मनोज से संपर्क किया, जो कैब सर्विस में लगाने के लिए एक गाड़ी की तलाश कर रहे थे। सरफराजुद्दीन ने 50 हजार कैश और 14 लाख रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर करके गाड़ी ले ली। गाड़ी के कागजात बाकी तीन लाख रुपए देने के बाद ट्रांसफर होने थे।
15 मार्च को सरफराजुद्दीन को फोन करके मनोज ने जू के पास बुलाया। वहां पीड़ित ने मनोज को ब्लैंक चेक दे दिया और गाड़ी अपने नाम कराने की बात कही। इसके बाद जब सरफराजुद्दीन पार्किंग में उस जगह पर पहुंचे जहां उन्होंने कार खड़ी की थी, तो उनके होश उड़ गए। दरअसल, उनकी कार वहां से गायब हो चुकी थी।
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परेशान सरफराज ने जब मनोज को फोन लगाया, तो तो वह उसे धमकाने लगा और कहा कि उसे दोबारा फोन न करे। आनन-फानन में पीड़ित ने हजरत निजामुद्दीन पुलिस थाने में जाकर शिकायत दर्ज कराई। पुलिस का फोन आने के बाद मनोज ने क्रॉस एफआईआर बनाने के लिए ब्लैंक चेक में छह लाख रुपए भरकर लगा दिए, ताकि चेक बाउंस हो जाए।
हालांकि, पुलिस जांच में मनोज बार-बार अपने बयान बदल रहा था। इससे बाद सख्ती से पूछताछ करने पर पूरे मामले का खुलासा हो गया। जांच में पता चला कि सिंघल ने डुप्लीकेट चाबी की मदद से गाड़ी चुराई थी। पुलिस ने मनोज को उत्तराखंड स्थित उसके घर से गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस को गाड़ी भी वहीं पर मिल गई थी। पुलिस ने इस मामले में चोरी और अमानत में खयानत का मामला दर्ज किया है।