तीन किमी जर्जर सड़क के लिए नौ बार चक्काजाम,गड्ढों में तब्दील सड़क पर चलना हुआ दूभर
सड़क के नवीनीकरण की मांग को लेकर आक्रोशित ग्रामीण अभी तक नौ बार चक्काजाम कर विरोध प्रदर्शन कर चुके है। विधायक से लेकर सांसद और शासन से लेकर प्रशासन तक अनेकों ज्ञापन सौप चुके है। लेकिन सड़क का आज पर्यन्त न तो मरम्मत हो सकी और न ही नवीनीकरण। यही वजह है कि ग्रामीणों में व्यापक नाराजगी है और वे फिर आंदोलन करने की रणनीति बनाने में जुटे हुए हैं।
By Manoj Kumar Tiwari
Publish Date: Fri, 20 Sep 2024 12:52:47 PM (IST)
Updated Date: Fri, 20 Sep 2024 12:52:47 PM (IST)
कोयला लोड वाहन के कारण ऐसी हो गई सड़क की हालत फोटो नईदुनिया HighLights
- करंजी क्षेत्र के झुमरपारा में कोयला लोड वाहनों के कारण सड़क की हालत खराब।
- तीन किलो मीटर सड़क अत्यंत जर्जर होने के साथ ही गढ्ढो में तब्दील हो चुकी है।
- आधा दर्जन से अधिक स्कूलों के बच्चे इस खस्ताहाल सड़क में गिरकर घायल हो चुके।
नईदुनिया प्रतिनिधि,सूरजपुर। करंजी क्षेत्र के ग्राम पंचायत झुमरपारा के ग्रामीण कोयला लोड वाहनों की आवाजाही से लंबे समय से त्रस्त हैं। लगभग तीन किलोमीटर जर्जर होने के साथ ही गढ्ढो में तब्दील हो चुकी सड़क पर पैदल चलना मुश्किल है। स्कूल आने जाने के दौरान आधा दर्जन से अधिक स्कूलों के बच्चे इस खस्ताहाल सड़क में गिरकर घायल हो चुके है। इसको लेकर ग्रामीण नौ बार चक्काजाम आंदोलन कर चुके है, लेकिन आज तक उन्हें सिर्फ आश्वासन ही मिला और आज भी सड़क की स्थिति चलने लायक नही बन सकी। जिले के करंजी रेलवे स्टेशन के नजदीक सूरजपुर विकासखंड की ग्राम पंचायत झुमरपारा स्थित है।
बिश्रामपुर भटगांव मुख्य मार्ग में ग्राम नवापारा से झुमरपारा होते हुए करंजी रेलवे स्टेशन मार्ग स्थित है। करंजी रेलवे स्टेशन स्थित साइडिंग से रेल के जरिये कोयला परिवहन करने के उद्देश्य से एसईसीएल भटगाँव क्षेत्र की ओपनकास्ट खदानों से यहां भारी भरकम वाहनों से कोयला परिवहन किया जाता । कोयला परिवहन से उक्त मार्ग के जर्जर होने और ग्रामीणों के विरोध करने पर दो दशक पूर्व एसईसीएल भटगाँव क्षेत्रीय प्रबंधन द्वारा उक्त मार्ग में सड़क का निर्माण कराया गया था। उस दौरान इस मार्ग से करंजी रेल साइडिंग में 15 टन क्षमता वाली वाहनों से कोयला परिवहन किया जाता था। वहीं कुछ सालों से अब उक्त मार्ग में 22 चक्का वाली भारी भरकम वाहनों से कोयला परिवहन किया जा रहा है। जिसकी वजह से सड़क गढ्ढो में तब्दील हो चुकी है।
गड्ढों में तब्दील सड़क पर चलना हुआ दूभर
भारी भरकम वाहनों में कोयला परिवहन की वजह से मंदिर चौक झुमरपारा से करंजी रेलवे साइडिंग तक तीन किलो मीटर सड़क अत्यंत जर्जर होने के साथ ही गढ्ढो में तब्दील हो चुकी है। सड़क में जगह जगह बड़े बड़े गढ्ढे हो चुके है। कीचड़युक्त हो चुके इस मार्ग पर चलना मुश्किल हो गया है। खस्ताहाल सड़क के आसपास छह सरकारी व दो निजी स्कूल संचालित है। इजिसमे आधा दर्जन से अधिक गांवो के बच्चे पढ़ने आते है। कीचड़ और गढ्ढे युक्त इस मार्ग में दर्जनों बच्चे गिरकर चोटिल हो चुके है।
स्टेशन तक पहुंचने यात्री करते है मशक्कत
भटगांव से लेकर नवापारा गांव तक के दो दर्जन से अधिक ग्रामों को रेल मार्ग से यात्रा करने के लिए करंजी रेलवे स्टेशन आना पड़ता है। कुछ चार पहिया, तो कुछ दोपहिया वाहन से रेलवे स्टेशन पहुंचते है। जर्जर और कीचड़युक्त मार्ग में उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। समस्या से ग्रामीण परेशान है। कई बार चक्काजाम कर ग्रामीणों ने अपनी नाराजगी जताई। उक्त मार्ग में बड़े बड़े गढ्ढे होने के साथ ही तीन किलोमीटर सड़क कीचड़युक्त होने की वजह से इसमे चलना दूभर है। स्कूली बच्चों से लेकर ग्रामीण आये दिन सड़क दुर्घटनाओं के शिकार हो रहे है।
अब फिर ग्रामीण उग्र आंदोलन की रणनीति बना रहे हैं।
रामानन्द जायसवाल भाजपा नेताहमारी समस्याओं से किसी को कोई सरोकार नही है। ग्रामीण उक्त विकराल समस्या से जूझने को विवश है। सड़क गढ्ढो में तब्दील हो चुकी है। जनप्रतिनिधियों से लेकर शासन प्रशासन से गुहार के बाद भी नतीजा सिफर है। सरकार के विकास का दावा यहां पूरी तरह खोखला नजर आ रहा है। भाजपा सरकार से आशा थी, लेकिन सड़क की स्थिति आज भी स्थिति जस की तस है। अब फिर आंदोलन होगा।रामभरोस सिंह सरपंच झुमरपारा