Surajpur News: भीषण गर्मी की दोपहर में पशुओं पर सामान ढोना प्रतिबंधित
गर्मी में पशुओं के रख रखाव के लिए पशुपालको को दिए गए सुझाव, पानी और पानी के कुड़ो को हमेशा साफ रखें। पानी के कुड़ो को नियमित रूप से चूने से सफाई करनी चाहिए। पशुओं को कार्बोहाईड्रेट युक्त भोजन जैसे आटा, रोटी, चावल आदि न खिलाए।
By Anang Pal Dixit
Edited By: Manoj Kumar Tiwari
Publish Date: Fri, 10 May 2024 09:02:15 AM (IST)
Updated Date: Fri, 10 May 2024 09:02:15 AM (IST)
पशुओं के लिए बनी गोशाला फाइल फोटो नईदुनिया न्यूज, सूरजपुर। जिले में पड़ रही भीषण गर्मी से जनजीवन प्रभावित है। लोगों के साथ-साथ पशु-पक्षी भी गर्मी से व्याकुल हो गए हैं। दोपहर 12 बजे से तीन बजे के बीच तापमान 40 डिग्री के करीब बना रहता है। इस दौरान पशुओं पर सामग्री रखकर या सवारी हेतु उपयोग करने से पशु बीमार हो सकते है अथवा उनकी मृत्यु हो सकती है। शासन द्वारा जिन क्षेत्रों में तापमान 37 डिग्री से अधिक रहता है, उन क्षेत्रों में दोपहर 12 बजे से तीन बजे के बीच ऐसे पशुओं का उपयोग प्रतिबंधित किया गया है।
पशु चिकित्सकों के अनुसार पशु गृह में हवा का मुक्त आवागमन सुनिश्चित कर पशुओं की सीधे धूप से बचाने के लिए पशुशाला के मुख्य द्वार पर खस (खसखस) या जूट की बोरियों के परदे लगाना चाहिए। पशुओं को गर्मी से बचाने के लिए पशुशाला में पंखे, कूलर और स्प्रिंकलर सिस्टम लगाए जा सकते है। यह दुधारू पशुओं के लिए उपयुक्त है। पर्याप्त स्वच्छ पेयजल हमेशा उपलब्ध होना चाहिए। पीने के पानी को छांव में रखना चाहिए।
पानी और पानी के कुड़ो को हमेशा साफ रखें। पानी के कुड़ो को नियमित रूप से चूने से सफाई करनी चाहिए। पशुओं को कार्बोहाईड्रेट युक्त भोजन जैसे आटा, रोटी, चावल आदि न खिलाए। गर्मियों के दौरान उगाई जाने वाली ज्वार में जहरीले पदार्थ हो सकते है, जो जानवरो के लिए हानिकारक को सकते है। इसलिए वर्षा के अभाव में ज्वार की फसल को पशुओं को खिलाने से पहले दो तीन बार सिंचाई कर दें।
पशुओं के बरसात के मौसमी बीमारियों की रोकथाम हेतु गर्मी में एचएस, एफएमडी बी.क्यू. के टीके लगवाने चाहिए। पशुगृह के खुले क्षेत्र के आसपास छायादार पेड़ लगाएं जो तापमान को कम करने में सहायक होते है। पशुओं में लू लगने पर पशु चिकित्सक से परामर्श लें।