सुकमा। नक्सल उन्मूलन अभियान के तहत सुकमा पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है। एक लाख का इनामी नक्सली के साथ दो सहयोगियों को सुरक्षाबल की संयुक्त टीम ने गिरफ्तार किया है। नक्सलियों के पास से भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री भी बरामद की गई है। सभी नक्सली थाना चिंतागुफा क्षेत्रान्तर्गत 14 मार्च 22 को रसावांग नाला के पास करीगुण्डम रोड में सुरक्षाबलों को नुकसान पहुंचाने की नीयत से आइइडी लगाने की वारदात में शामिल थे।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार नवीन कैम्प तोण्डामरका स्थापना के दौरान नक्सलियों की उपस्थिति की सूचना पर रविवार 12 फरवरी को डीआरजी कोन्टा, डीआरजी ग्रेहाउण्स, एसटीएफ मिनपा, 131 वाहिनी सीआरपीएफ, 206 वाहिनी कोबरा की संयुक्त पार्टी गुण्डराज टेकरी व आस-पास जंगल की ओर की एरिया डोमिनेशन हेतु रवाना हुई। इस दौरान गुण्डराज टेकरी के पास कुछ संदिग्ध व्यक्ति दिखाई दिये। जो पुलिस पार्टी को अपनी ओर आते हुये देखकर भागने व छिपने की कोशिश कर रहे थे, उन्हें पुलिस पार्टी द्वारा घेराबंदी कर पकड़ा गया।
विस्फोट सामग्री बरामद
वहीं पूछताछ करने पर नक्सलियों की पहचान एक लाख के इनामी पोलमपल्ली जनमिलिशिया कमांडर मड़कम कोसा, नक्सली सहयोगी मड़कम देवा और माड़वी जोगा के रूप में हुई। पकड़े गये आरोपितों के निशानदेही पर सुरक्षाबलों को नुकसान पहुंचाने की नीयत से छुपाकर रखे विस्फोट सामग्री भारी मात्रा में बरामद किया गया। जिसमें कार्डेक्स वायर 8-10 मीटर, जिलेटिन रॉड 03 नग, इलेक्ट्रिक डेटोनेटर 08 नग, नक्सली काली वर्दी 01 जोड़ी व अन्य सामग्री बरामद किया गया। तीनों आरोपितों को उक्त प्रकरण में चिंतागुफा थाना प्रभारी एसआई अशोक यादव के द्वारा गिरफ्तार कर न्यायालय के समक्ष पेश कर न्यायिक रिमांड में जेल भेजा गया।
दो नक्सलियों ने किया सरेंडर
छत्तीसगढ़ शासन की पुनर्वास नीति के प्रचार-प्रसार तथा सुकमा पुलिस द्वारा चलाये जा रहे पुना नर्कोम अभियान से प्रभावित होकर दो नक्सलियों ने सरेंडर कर दिया। दोनों नक्सली जिले के गादीरास इलाके में सक्रिय रूप से कार्य रहे थे। उक्त नक्सलियों का आत्मसमर्पण हेतु प्रोत्साहित करने में दूसरी वाहिनी सीआरपीएफ के सूचना शाखा का विशेष प्रयास रहा है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार डीएकेएमएस उपाध्यक्ष सोड़ी सुला और डीएकेएमएस सदस्य कड़ाम गंगा ने सीआरपीएफ सेकंड बटालियन के द्वितीय कमान अधिकारी अनामी शरण एवं डीएसपी संजय सिंह के समक्ष बिना हथियार के आत्मसमर्पण किया। दोनों आत्मसमर्पित नक्सली वर्ष 2012 से नक्सली संगठन में जुड़कर थाना गादीरास व थाना फुलबगड़ी क्षेत्रों में घटित विभिन्न नक्सली गतिविधियों में सम्मिलित रहे है। उक्त दोनों आत्मसमर्पित नक्सलियों को राज्य शासन के पुनर्वास नीति के तहत सहायता राशि व अन्य सुविधाएं प्रदान किया जायेगा।