सुकमा। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के नक्सल प्रभावित कंगालतोंग इलाके के जंगलों में शुक्रवार को पुलिस और नक्सलियों के बीच एक गंभीर मुठभेड़ हुई। इस मुठभेड़ में पुलिस का दावा है कि दो से तीन नक्सली घायल हुए हैं, जो सुरक्षा बलों की कार्रवाई के दौरान जंगल में भागने के दौरान घायल हुए।
पुलिस अधीक्षक किरण चव्हाण ने इस घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि मुठभेड़ के बाद क्षेत्र की सर्चिंग के दौरान जवानों को कई स्थानों पर खून के धब्बे मिले हैं। यह धब्बे इस बात का संकेत हैं कि नक्सलियों में से कुछ गोलीबारी के दौरान घायल हुए हैं। उन्होंने बताया कि यह मुठभेड़ पुलिस की सक्रियता और नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान का एक महत्वपूर्ण उदाहरण है।
जानकारी के अनुसार, नक्सलियों की गतिविधियों की जानकारी मिलने के बाद भेज्जी थाने से विशेष बलों का एक संयुक्त अभियान शुरू किया गया। इसमें डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड (डीआरजी), बस्तर फाइटर और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवान शामिल थे। सुरक्षा बलों ने कंगालतोंग क्षेत्र में पहुंचने के लिए लगभग 12 किमी पैदल यात्रा की।
जैसे ही जवान उस क्षेत्र में पहुंचे, वहां पहले से घात लगाए हुए बैठे नक्सलियों ने उन पर गोलीबारी शुरू कर दी। जवानों ने तुरंत मोर्चा संभाला और प्रभावी तरीके से जवाबी कार्रवाई की, जिससे नक्सली भागने पर मजबूर हो गए। यह मुठभेड़ सुबह लगभग आठ बजे शुरू हुई और लगभग एक घंटे तक चली।
मुठभेड़ के बाद सुरक्षा बलों ने इलाके में सर्च ऑपरेशन जारी रखा, लेकिन नक्सलियों के भाग जाने के कारण उनकी खोज में कोई बड़ी सफलता नहीं मिली। हालांकि, जवानों ने इलाके की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए गश्त जारी रखी।
घने जंगलों और दुर्गम पहाड़ियों से घिरा कंगालतोंग क्षेत्र नक्सलियों का गढ़ माना जाता है, और सुरक्षा बलों को इस इलाके में नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
मुठभेड़ के बाद से इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। पुलिस अधीक्षक किरण चव्हाण ने जानकारी दी कि जवान नक्सलियों का डटकर मुकाबला कर रहे हैं, और स्थिति पर नियंत्रण बना हुआ है।