सुकमा। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के पैदाबोडकेल गांव में नक्सलियों द्वारा एक ग्रामीण युवक को अगवा किए जाने की घटना ने इलाके में दहशत फैला दी है। 9 दिनों से नक्सलियों के कब्जे में रह रहे इस युवक का नाम बारसे भीमा बताया जा रहा है। इस घटना के बाद सर्व आदिवासी समाज और कोया समाज ने नक्सलियों से अपील की है कि वे युवक को बिना किसी शर्त के तुरंत रिहा करें।
पैदाबोडकेल गांव का निवासी बारसे भीमा नक्सलियों के कब्जे में है। 9 दिन पहले नक्सलियों ने उसे अगवा कर लिया था। अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि नक्सलियों ने उसे क्यों पकड़ा, लेकिन स्थानीय लोग इस घटना से डरे हुए हैं। बारसे भीमा के परिवार ने भी युवक को जल्द से जल्द रिहा करने की गुहार लगाई है, ताकि वह सुरक्षित अपने घर लौट सके।
घटना के बाद से सर्व आदिवासी समाज और कोया समाज के सदस्यों ने नक्सलियों से युवक की रिहाई की मांग की है। समाज के नेताओं ने अपील करते हुए कहा कि बारसे भीमा निर्दोष है और उसका नक्सली गतिविधियों से कोई लेना-देना नहीं है। नक्सलियों को उसे तुरंत और बिना शर्त रिहा करना चाहिए, ताकि उसके परिवार को राहत मिल सके और क्षेत्र में शांति बनी रहे।
अब तक इस घटना को लेकर प्रशासन की ओर से कोई ठोस कार्रवाई सामने नहीं आई है। पुलिस और प्रशासन की ओर से कोई बयान जारी नहीं किया गया है, जिससे ग्रामीणों में चिंता बढ़ गई है। क्षेत्र में रहने वाले लोग अब प्रशासन से इस मामले में हस्तक्षेप की उम्मीद कर रहे हैं। बारसे भीमा की सुरक्षित वापसी के लिए स्थानीय लोग प्रशासन से सक्रिय कदम उठाने की मांग कर रहे हैं।
पैदाबोडकेल गांव और आसपास के इलाके में इस घटना से भारी तनाव व्याप्त है। ग्रामीण डरे हुए हैं और क्षेत्र में नक्सलियों की बढ़ती गतिविधियों को लेकर चिंतित हैं। इस घटना ने फिर से नक्सल समस्या को उजागर कर दिया है, और लोग प्रशासन से सुरक्षा बढ़ाने की उम्मीद कर रहे हैं। सर्व आदिवासी समाज और कोया समाज ने नक्सलियों से हिंसा का रास्ता छोड़ने और शांति बनाए रखने की अपील की है।