राजनांदगांव। चाइल्ड लाइन इंडिया फाउंडेशन के सहयोग से सृजन सामाजिक संस्था द्वारा लखोली राहुल नगर के सामुदायिक भवन में किशोरी बालिकाओं की बैठक हुई। बैठक में चाइल्ड लाइन परियोजना समन्वयक महेश साहू द्वारा चाइल्ड लाइन कार्यक्रम के उद्देश्यों से अवगत कराते हुए बताया कि शून्य से 18 वर्ष में कम उम्र के नाबालिग बच्चे जो गुमशुदा, अनाथ, बेघर, बेसहारा, शोषित, पीड़ित, बीमार, दिव्यांग बच्चे जिन्हें देखरेख और संरक्षण की आवश्यकता है, 1098 में फोन कर सहायता ले सकते हैं।
टीम की सदस्य ममता धरमगुड़े ने सभी किशोरी बालिकाओं को साफ-सफाई से संबंधित जानकारी दी। बालिकाओं को संक्रमण से बचाव के लिए हाथों को बार-बार साबुन से धोने,सैनिटाइजर का उपयोग करने, मास्क पहनने, बुखार व सर्दी के लक्षण होने पर जांच कराने की सलाह दी गई। परामर्शदाता रूखमणी साहू द्वारा किशोरी बालिकाओं को सही स्पर्श व गलत स्पर्श, पाक्सो अधिनियम, महिला हिंसा, 1098-चाइल्ड लाइन, 181 महिला सहायता केंद्र, 104 स्वास्थ्य परामर्श केंद्र, 1090 पुलिस महिला हेल्प लाइन, 112 पुलिस सहायता केंद्र, 100 पुलिस कंट्रोल रूम, 182 रेलवे सुरक्षा बल, हेल्पलाइन के बारे में जानकारी दी।
इसमें छह वर्ष से 12 वर्ष की बालिकाओं को सही स्पर्श व गलत स्पर्श, 13 से 18 वर्ष की बालिकाओं को साइबर क्राइम के बारे में प्रकाश डाला गया। बालिकाओं की सुरक्षा के लिए जो कार्य किये जाते हैं, वह बहुत सराहनीय है। बालिका सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम के तहत 1098 ने बताया कि चाइल्ड लाइन भी अन्य हेल्पलाइन की तरह ही बच्चों के अधिकारों के लिए कार्य करती है। वह चाहे किसी भी प्रकार के अधिकारों का मामला हो। इसके बाद टीम मेंबर वेदप्रकाश साहू ने बाल अधिकारों के बारे में बताया कि बच्चों के मुख्यतः चार अधिकार हैं जिसमें जीने का अधिकार, विकास का अधिकार, सुरक्षा का अधिकार व सहभागिता का अधिकार है।