अजय रघुवंशी, राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, रायपुर। मतांतरण पर छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार ने सख्ती दिखाई है। प्रदेश में भाजपा सरकार के सात महीने के कार्यकाल में आठ मामलों पर एफआईआर दर्ज की गई है। इनमें परेशानी, दुख दूर करने, प्रलोभन व जबरन मतांतरण कराने के मामले शामिल हैं। प्रदेश में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के पांच साल के कार्यकाल पर गौर करें तो मतांतरण से जुड़े सिर्फ 10 मामलों पर एफआईआर दर्ज की गई, लेकिन राज्य में भाजपा सरकार ने मतांतरण के मुद्दे पर कार्यवाही तेज कर दी है।
सात महीने के अल्प कार्यकाल में ही सरकार ने हर महीने औसत एक मामला दर्ज किया है। जानकारी के मुताबिक राज्य में सरकार मतांतरण पर नया संशोधन विधेयक प्रस्तुत करने वाली है, जिसका मसौदा तैयार किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ धर्म स्वतंत्रता (संशोधन) अधिनियम, 2006 के प्रविधानों को और सख्त बनाने की तैयारी है, जिसमें अधिकतम 10 वर्ष की सजा व 50 हजार रुपये जुर्माना आदि शामिल हैं। वर्तमान में अधिकतम तीन वर्ष तक की सजा व अधिकतम 20 हजार रुपये जुर्माने का प्रविधान है।
प्रदेश में शिक्षा व स्वास्थ्य के प्रलोभन व इसकी आड़ में मतांतरण की शिकायतें मिल रही है। सरगुजा व बस्तर संभाग में ऐसे मामले सामने आ चुके हैं। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने मतांतरण के खिलाफ अपना रूख स्पष्ट कर दिया है। बीते महीने नई दिल्ली दौरे के दौरान मीडिया से चर्चा के दौरान उन्होंने साफ किया था कि कांग्रेस मतांतरण करवाती थी, लेकिन छत्तीसगढ़ में ऐसा नहीं होना दिया जाएगा। उप मुख्यमंत्री व विधि मंत्री अरुण साव ने भी मतांतरण के खिलाफ कानून कड़े करने के संकेत दिए हैं।
बलरामपुर जिले के बसंतपुर में 20 मई 2024 को फूलकुंवर नाम की महिला को पति की बीमारी दूर करने तथा बच्चों को बेहतर शिक्षा का लालच देकर मत परिवर्तन का प्रलोभन दिया गया। आरोपितों ने उसे प्रलोभन देकर गांव की ही मंजू देवी के घर में आयोजित चंगाई सभा में सपरिवार आमंत्रित किया था। शिकायत पर पुलिस ने छापा मारा। बिना अनुमति धार्मिक सभा में लोगों को मत परिवर्तन करने का प्रलोभन देते छह लोगों को पकड़ा था। इनमें स्वास्थ्य विभाग में बहुउद्देशीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता भी शामिल थे।
बलरामपुर जिले के ही ग्राम दुप्पी में शिव कुमार मानिकपुरी के परिवार को आरोपित भरत चेरवा छह माह से मत परिवर्तन करने का प्रलोभन दे रहा था। शिव मानिकपुरी द्वारा मना करने पर भी वह कई बार घर पर आकर परिवार के सदस्यों को ईसाई मत अपना लेने के लिए प्रेरित करता रहा।
छह जुलाई को शिव मानिकपुरी के घर पर आरोपित उसके परिवार के सदस्यों को प्रलोभन देने के साथ ही प्रार्थना करा रहा था। अच्छी शिक्षा व अच्छी नौकरी के अलावा परिवार के सदस्यों को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने का लालच देने लगा। पुलिस को सूचना के बाद उसे गिरफ्तार किया गया।
छत्तीसगढ़ भाजपा प्रदेशाध्यक्ष किरण सिंहदेव ने कहा, भाजपा के शासन में प्रदेश में मतांतरण के खिलाफ शिकायतों पर जांच करते हुए लगातार कार्यवाही की जाएगी। इसलिए सात महीने में ही आठ मामले दर्ज किए जा चुके हैं। इसका मतलब साफ है हर शिकायत को गंभीरता से लिया जा रहा है। पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में शिकायतों के बाद भी कार्यवाही नहीं की जाती थी।
छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष दीपक बैज ने कहा, भाजपा ने लोगों को भड़काने का काम किया। सत्ता हासिल करने के लिए मतांतरण के मुद्दे को जबरदस्त तूल दिया। भाजपा ने मतांतरण के मुद्दे पर राजनीति करती है। कांग्रेस के कार्यकाल में जहां भी शिकायत हुई। वहां कार्यवाही हुईं।
जिलेवार दर्ज मामले व कारण
वर्ष-2021
जिला-जशपुर-04 (परेशानी दूर करने का प्रलोभन), सरगुजा-01 (प्रलोभन), दुर्ग-02 (प्रलोभन)।
वर्ष-2022
बलरामपुर-रामानुजगंज- 01(प्रलोभन), जशपुर-02 (मतांतरण करने का प्रयास,प्रलोभन)
वर्ष-2023 (निरंक, कोई मामला दर्ज नहीं)
वर्ष-2024
जिला-जांजगीर-चांपा- 02(दुख दूर करने का प्रलोभन),बलरामपुर-रामानुजगंज-05 (जबरन मतांतरण, प्रलोभन, लालच), बिलासपुर-01 (प्रलोभन)
कुल- 18 मामले दर्ज