रायपुर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। एशिया की सबसे बड़ी (मानव निर्मित) जंगल सफारी अब देश-विदेश में प्रसिद्ध हो रही है। अटल नगर नवा रायपुर स्थित यह जंगल सफारी छत्तीसगढ़ में आने वाले सैलानियों के लिए प्रमुख आकर्षण का केंद्र है। सफारी में पर्यटकों के लिए चौसिंगा, चिंकारा और सांभर आदि वन्यजीवों को देश के दूसरे जू से लाकर रखा गया है, लेकिन पर्यटक इन्हें अभी देख नहीं सकते हैं, क्योंकि बाड़े का उद्घाटन नहीं हुआ है। वन मंत्री मो. अकबर के हाथों उद्घाटन किया जाना है। उद्घाटन के बाद बाड़े को पर्यटकों के लिए खोला जाएगा। सफारी प्रबंधन का कहना है कि उद्घाटन के लिए वन मंत्री से समय मांगा गया है।
58 में 28 बाड़ों का हो चुका निर्माण
गौरतलब है कि जंगल सफारी में कुल 58 बाड़ों का निर्माण किया जाना है, अब तक 28 बाड़ों का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है, जिनमें वन्यजीवों को रखा गया है। सफारी प्रबंधन द्वारा हाल ही में 10 बाड़ों का निर्माण कार्य पूरा किया है। इन बाड़ों में चीतल, पैंगोलिन, चिंकारा, सांभर, चौसिंगा, जंगली कुत्ता आदि वन्यजीवों को रखना है। सफारी प्रबंधन तकरीबन एक माह पहले इन वन्यजीवों को लाकर इनकी खातिरदारी कर रहा है।
जंगल सफारी में निर्माण कार्यों की स्थिति
58 बाड़ों का होना है निर्माण
38 बाड़े अब तक बनकर तैयार
20- बाड़े का निर्माण कार्य शेष
50 हेक्टेयर में हो रहा जू का काम
रविवि के तीन कर्मी को मिला प्रमोशन, बने सहायक कुलसचिव
पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय में तीन कर्मियों को सहायक कुलसचिव के पद पर पदोन्नात किया गया है। इसमें सहायक कुलसचिव के पद पर पदोन्नति देने के बाद रामजी मंडावी को सरगुजा विश्वविद्यालय, रामेश्वर राठौर बिलासपुर विश्वविद्यालय, केजूराम ठाकुर को बस्तर विश्वविद्यालय में पदस्थापना दी गई है। इसे लेकर रविवि कर्मचारी संघ ने प्रशासनिक भवन के सामने गार्डन में सहायक कुलसचिवों के लिए सम्मान समारोह आयोजित कर उन्हें सम्मानित किया।
कर्मचारी संघ के अध्यक्ष श्रवण सिंह ठाकुर व सचिव प्रदीप कुमार मिश्रा ने बताया कि विश्वविद्यालयों में उप कुलसचिव व सहायक कुलसचिव के कई पद रिक्त हैं। ऐसे में शासन स्तर पर मांग की गई है कि लंबे समय से पदोन्नाति न मिलने वाले कर्मचारियों को पदोन्नात कर रिक्त पदों को भरा जाए।