रायपुर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। Shri Krishna Janmashtami: कोरोना काल के दो साल बाद जन्माष्टमी पर हुई मटकी प्रतियोगिता को देखने युवाओं की भीड़ उमड़ पड़ी। वर्षा के पश्चात भी गोप-गोपियां एवं गोविंदा का रूप धारण किए विविध टोली में मटकी फोड़ने के लिए जोश, उमंग, उत्साह दिखा। युवाओं के लिए 30 फीट की ऊंचाई और युवतियों के लिए 15 फीट ऊंचाई पर क्रेन के द्वारा मटकी लटकाई गई थी। एक के बाद एक युवक-युवतियों की टोलियां मटकी फोड़ने आगे बढ़ती रहीं। कुछ मटकी के करीब तक पहुंचकर भी मटकी नहीं फोड़ पाए और कुछ मटकी तक पहुंच ही नहीं पाए। कुछ ने ऐसी फुर्ती दिखाई कि देखते ही देखते ऊंचाई तक पहुंचकर मटकी फोड़ दी।
गुढ़ियारी में गोविंदा टोली ने फोड़ी मटकी
गुढ़ियारी में आयोजित प्रतियोगिता में भी पुरस्कार जीतने के लिए मटकी फोड़ने गोविंदाओं की टोली में होड़ लगी रही। डीजे पर गोकुल की गलियों में शोर, ओ देखो आया माखन चोर......गीत बजते ही मटकी फोड़ने का क्रम चला। टोलियों के माखन चोर ने मटकी फोड़कर उसमें से दही, माखन, चाकलेट बांटा। सबसे कम समय में मटकी फोड़ने वालों को पुरस्कृत किया गया।
कार्यक्रम के संयोजक बसंत अग्रवाल ने बताया कि 40 गोविंदा की टोली ने दही हांडी फोड़ने पूरी ताकत लगा दी। इस दौरान गोविंदा की टोली का हौसला बढ़ाने लोग बारिश होने के बाद भी मैदान में डटे रहे। इस मौके पर ओडिशा का घंटा बाजा और महाराष्ट्र के रौद्र तांडव की विशेष प्रस्तुति के बीच लोगों ने दही हांडी उत्सव का जमकर लुत्फ उठाया।
संयोजक बसंत अग्रवाल ने प्रतियोगिता में आए अतिथि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, रायपुर पश्चिम विधायक विकास उपाध्याय, रायपुर दक्षिण विधायक बृजमोहन अग्रवाल, महापौर एजाज ढेबर, पूर्व विधायक श्रीचंद सुंदरानी अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम के दौरान संयोजक ने बताया कि कोरोना काल के बाद पहली बार इस प्रतियोगिता में गोविंदाओं की टोली ने जोरशोर से भाग लिया। प्रतियोगिता के विजेताओं को प्रथम पुरस्कार तीन लाख 51 हजार रुपये की राशि दी गई। इसके साथ ही अन्य विजेताओं को सांत्वना पुरस्कार प्रदान किया गया।
रावणभाठा दशहरा मैदान में दर्शकों ने बढ़ाया गोविंदाओं का हौसला
वहीं, दृश्य रावणभाठा दशहरा मैदान में भी गोविंदा की टोली में मटकी फोड़ने को लेकर जोश दिखाई दिया। तीन वर्गों में आयोजित मटकी फोड़ प्रतियोगिता में दर्शकों ने गोविंदाओं का हौसला बढ़ाया। डीजे पर मटकी फोड़ने वाले गीतों की धुन बजते ही आयोजन स्थल पर गोविंदा... गोविंदा के जयकारे गूंज उठते। युवाओं की टोली एक-दूसरे को सहारा देकर अपने गोविंदा को मटकी की ओर चढ़ने में भरसक प्रयास करते दिखाई दिए। बार-बार गिरना, फिर साहस दिखाकर ऊपर चढ़ना, दर्शकों का तालियां बजाकर उत्साह बढ़ाने वाले वातावरण का युवाओं ने खूब आनंद लिया।
दूधाधारी मठ से निकली गोविंदाओं की टोली
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी उत्सव समिति के नेतृत्व में दूधाधारी मठ में पूजा-अर्चना के पश्चात शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्रा में भगवान श्रीकृष्ण, बलराम, और ग्वाल-बालों का रूप धारण किए बच्चे रथ पर विराजित थे। यात्रा मठपारा होते हुए रावणभाठा मैदान पहुंची। इसके पश्चात मटकी फोड़ प्रतियोगिता प्रारंभ हुई जो रात तक चलती रही।
अखाड़ा दलों का प्रदर्शन
रावणभाठा मैदान में अखाड़ा दलों के सदस्यों ने लाठी चालन, भन्नाटी चालन, अग्नि चक्र जैसे चकित तक देने वाले करतब दिखाकर मनोरंजन किया।