रायपुर, राज्य ब्यूरो। Sedition Case Against GP Singh: छत्तीसगढ़ पुलिस के निलंबित आइपीएस जीपी सिंह ने मंगलवार को रायपुर जिला एवं सत्र न्यायालय में लगाई जमानत याचिका को वापस ले लिया। अब जीपी सिंह छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में जमानत के लिए आवेदन देंगे। जीपी सिंह ने अग्रिम जमानत के लिए याचिका लगाई थी। कोर्ट ने सुनवाई के लिए पुलिस से केस डायरी मांगी थी। पुलिस ने केस डायरी पूरी नहीं होने और जांच अधिकारी के शहर से बाहर होने की जानकारी दी। इसके बाद जीपी सिंह के वकील ने याचिका वापस ले ली।
इधर, भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) व आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) ने छापे से संबंधित दस्तावेज और केस डायरी कोतवाली पुलिस को सौंप दिए हैं। पुलिस ने छापा के दौरान मौजूद ईओडब्ल्यू के छह अधिकारियों और कर्मचारियों के बयान भी दर्ज किए हैं। अब तक इस मामले में करीब 18 लोगों के बयान दर्ज किए जा चुके हैं। जीपी सिंह पर आय से अधिक संपत्ति और राजद्रोह का मामला दर्ज है। पुलिस ने जीपी सिंह के करीबी मणीभूषण, प्रीतपाल चंडोक का मजिस्ट्रेट बयान कराया है।
पुलिस के उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें, तो इस बयान के बाद दोनों कोर्ट में मुकरने की स्थिति में नहीं रहेंगे। इसे पुलिस एक मजबूत सबूत के रूप में इस्तेमाल कर सकती है। जीपी सिंह के मामले से जुड़े दस्तावेज और केस डायरी की मांग की गई थी, जिसे सौंप दिया गया है। अब इस केस डायरी के आधार पर आगे की कार्रवाई की जा रही है। ईओडब्ल्यू ने 16 पेज के दस्तावेज सौंपे हैं।
इसमें डायरी के कुछ पन्ने भी शामिल हैं, जिसमें हिंदी और अंग्रेजी में कुछ लिखा गया है। जीपी की हैंडराइटिंग की जांच कर रही टीम भी अभी तक किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंची है। टीम ने अब तक मिले दस्तावेजों का मिलान किया है। पुलिस अकादमी चंदखुरी से कुछ और दस्तावेजों की मांग की गई है, जिसके मिलने के बाद ही हैंडराइटिंग की जांच पूरी हो पाएगी।