रायपुर। Inspirational News: राजधानी रायपुर के पुलिस ट्रांजिट मेस में शुक्रवार को सुपर इन्वेस्टिगेटर सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इस समारोह में डीजीपी डीएम अवस्थी ने उत्कृष्ट विवेचक और महिला अपराधों में जल्द चालान पेश कर आरोपियों को सजा दिलाने वाले 16 पुलिसकर्मियों को सम्मानित किया। डीजीपी डीएम अवस्थी ने समारोह में कहा कि जब से पुलिस में आए, तो केस दर्ज होकर पड़े रहते थे। इसलिए योजना बनाई गई कि सुपर इन्वेस्टिगेटर हो। खुशी की बात है कि ऐसा संभव हो सका। कोई सोच नहीं सकता कि बलात्कार जैसे मामलों में कम समय में ही आजीवन कारावास की सजा हो जाएगा। यह सम्मान आपके परिवार के लिए है। तमाम पुलिसकर्मियों की कोशिशों से गंभीर मामलों के आरोपियों को जल्द सजा हो रही है।
उन्होंने कहा कि साल 2019 के रायपुर जिले के चार मामलों में आजीवन कारावास की सजा हुई है। आप सभी ऐसे ही काम करते रहें। अपराध नियंत्रण में सजा का महत्व है, जिन्हें 10 बार इन्वेस्टिगेटर सम्मान मिल गया, उनका नाम पुलिस मुख्यालय में लिखा जाएगा। अपराध होने से पहले ही एटीएम तोड़ रहे आरोपियों को आजाद चौक के पुलिसकर्मियों ने जाकर पकड़ा, उन्हें भी आज हमने सम्मानित किया। इसके आलावा रायपुर में ड्रग्स का एक बड़ा गैंग पकड़ा गया। हॉल छोटा है, लेकिन हमारा दिल बड़ा है। आगे भी ऐसे पुलिसकर्मियों को कार्यक्रम आयोजित कर सम्मानित करेंगे।
दरअसल, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशानुरूप महिला विरुद्ध अपराधों में छत्तीसगढ़ पुलिस त्वरित गति से कार्रवाई कर रही है। पुलिस द्वारा महिला उत्पीड़न के मामलों में आरोपियों को न सिर्फ तत्काल गिरफ्तार किया जा रहा है, बल्कि शीघ्र चालान पेश करके आरोपियों को सजा भी दिलाई जा रही है। छत्तीसगढ़ पुलिस ने पीड़ित महिलाओं को न्याय दिलाने देशभर में मिसाल पेश की है। रायपुर के तेलीबांधा थाना इलाके के एक दुष्कर्म मामले में पुलिस द्वारा आरोपियों को 30 दिन के अंदर आजीवन कारावास की सजा दिला दी। डीजीपी डीएम अवस्थी ने आज ऐसे विवेचकों को सुपर इन्वेस्टिगेटर सम्मान से सम्मानित किया, जिन्होंने कर्तव्यपरायणता का परिचय देते हुए उत्कृष्ट कार्य किया।
दुष्कर्म के ही एक मामले में खमतराई थाना पुलिस द्वारा घटना के 48 घंटे के अंदर कोर्ट में चालान पेश कर दिया गया। पुलिस द्वारा की गई शीघ्र विवेचना और ठोस सबूतों के आधार पर कोर्ट ने 45 दिन के अंदर ही आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। रायपुर के मंदिरहसौद थाना इलाके में दुष्कर्म के मामले में दो दिन के भीतर ही चालान पेश कर दिया गया और न्यायालय द्वारा 35 दिन के अंदर ही आजीवन कारावास की सजा सुनायी गई। इसी प्रकार जगदलपुर के बोधघाट थाना इलाके में बालिका से दुष्कर्म मामले में पुलिस द्वारा सात दिनों के भीतर चालान पेश कर 45 दिन में ही आजीवन कारावास की सजा दिलाई गई।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशानुरूप डीजीपी डीएम अवस्थी ने निर्देश दिये हैं कि ऐसे मामले संज्ञान में आते ही तत्काल अपराध दर्ज कर कार्रवाई की जाए। पीड़ित महिलाओं को शीघ्र न्याय मिले इसके लिए तत्काल चालान पेश कर अपराधियों को शीघ्र सजा दिलाई जाए। छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा शीघ्र कार्रवाई करने वाले विवेचकों को प्रोत्साहित करने के लिये अभिनव पहल की है। महिला विरुद्ध अपराधों में मामला दर्ज करने से सजा दिलाने तक में उल्लेखनीय कार्रवाई करने वाले पुलिस अधिकारियों के लिए सुपर इन्वेस्टिगेटर सम्मान प्रारंभ किया गया है। डीजीपी डीएम अवस्थी ने आज इसी क्रम में 16 पुलिस अधिकारियों को सुपर इन्वेस्टिगेटर सम्मान से सम्मानित किया।
पुलिस अधिकारियों ने दिखाई इन मामलों में तत्परता
जांजगीर में सात वर्षीय बच्ची से रेप के मामले में चार जून 2019 को पॉक्सो एक्ट तहत मामला दर्ज किया गया। 13 दिसंबर को आरोपी को गिरफ्तार कर दस दिन के भीतर 23 दिसंबर को न्यायालय में चालान पेश किया गया। प्रकरण की तीव्र गति से सुनवाई करते हुए न्यायालय द्वारा एक माह 22 दिन के भीतर आरोपी को 20 साल के कारावास की सजा सुनाई गई। इस मामले में निरीक्षक उमा गुप्ता, सहायक उप निरीक्षक दिलीप सिंह एवं प्रधान आरक्षकल राकेश तिवारी को सम्मानित किया गया।
जगदलपुर के बोधघाट थाना में प्रार्थी ने बताया कि 21 अक्टूबर 2020 को उसकी चार साल की बेटी के साथ आरोपी ने अश्लील हरकत की साथ ही जान से मारने की धमकी दी। प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने दो दिन के अंदर 23 अक्टूबर को आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस द्वारा विवेचना उपरांत सात दिनों के भीतर ही न्यायालय में चालान पेश कर दिया गया। न्यायालय द्वारा आरोपी को तीन माह में ही 20 वर्ष के कारावास और 10 हजार के जुर्माने से दंडित किया गया। मामले में जांच टीम द्वारा उत्कृष्ट कार्य करने पर निरीक्षक राजेश मरई, सहायक उप निरीक्षक इंदु शर्मा, आरक्षक भानुप्रताप कोर्राम, आरक्षक बिसनी ध्रुव, आरक्षक रीना अनंत को सम्मानित किया गया।
रायपुर के माना थाना की उपनिरीक्षक दिव्या शर्मा द्वारा बालिका से रेप के मामले में दो दिन के भीतर न्यायालय में चालान प्रस्तुत किया गया। इसमें न्यायालय द्वारा दोषसिद्धि के बाद आरोपी को 20 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई गई। पीड़िता ने अप्रैल 2019 में बालगृह में उक्त घटना की जानकारी दी। बालगृह द्वारा पुलिस को सूचना देने के बाद पुलिस ने तत्काल कारर्वाई करते हुये जांच उपरांत मात्र दो दिन के भीतर न्यायालय में चालान प्रस्तुत किया, जिससे पीड़िता को शीघ्र न्याय मिल सका। तत्परता दिखाकर पीड़िता को शीघ्र न्याय दिलाने पर उप निरीक्षक दिव्या शर्मा को सम्मानित किया गया।
रायपुर के मंदिर हसौद थाना अंतर्गत मामला प्रकाश में आया कि चार वर्षीय पीड़ित बालिका के दादा ने अश्लील हरकत की है। पुलिस में मामला आने पर विवेचना की गई। पुलिस द्वारा ठोस सबूतों के साथ मात्र दो दिन के अंदर न्यायालय में चालान पेश किया गया। न्यायालय द्वारा प्रकरण की संवेदनशीलता देखते हुए 35 दिन के अंदर आरोपियों को 20 साल के कारावास और 50 हजार के अर्थदंड से दंडित किया गया। शीघ्र न्याय दिलाने पर उप निरीक्षक दिव्या शर्मा को सम्मानित किया गया।
रायपुर के तेलीबांधा थाना इलाके में फरवरी 2019 में पीड़िता की मां ने जानकारी दी कि उसकी डेढ़ वर्षीय बेटी को खेलने के बहाने घर बुलाया और दुष्कर्म किया। बेहद गरीब परिवार से संबंध रखने वाली महिला को न्याय दिलाने के लिए पुलिस ने शीघ्र ही गिरफ्तार कर छह दिन के अंदर चालान पेश किया। न्यायालय द्वारा 25 दिन के अंदर आरोपी को दोषी करार देते हुए 20 साल की सजा और 50 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया। शीघ्र कार्रवाई करने पर उपनिरीक्षक दिव्या शर्मा एवं आरक्षक शीतल बिसेन को सम्मानित किया गया।
रायपुर के थाना खमतराई के रावाभाठा इलाके में नाबालिग से दुष्कर्म का मामला सामने आया। पुलिस ने तत्काल मामला दर्ज किया। पुलिस द्वारा घटना के 48 घंटे में चालान पेश कर न्यायालय से 10 दिन के ट्रायल के बाद सजा दिलायी गई। मामले में तत्परता से कार्रवाई करने पर निरीक्षक संजय राठौर, उपनिरीक्षक अजय झा, आरक्षक आदित्य प्रताप सिंह, आरक्षक विकास चौहान एवं आरक्षक मनोहर गंजीर को सम्मानित किया गया।