रायपुर। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग प्रदेशवासियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करने के लिए स्वास्थ्य पॉलिसी बना रहा है। इसके लिए दो दिवसीय (24-25 अक्टूबर) छत्तीसगढ़ हेल्थ केयर सबमिट कार्यशला का आयोजन किया गया है।
कार्यशाला का शुभारंभ प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री अजय चंद्राकर ने किया। कार्यशाला का उद्देश्य छग स्वास्थ्य पॉलिसी एवं रणनीति तैयार करना है। छत्तीसगढ़ में प्रमुख स्वास्थ्य समस्या मलेरिया, मानव संसाधन, मातृ शिशु मृत्यु दर में कमी आदि हैं। इसके लिए रणनीति बनाई जाएगी। देश-विदेश से विषय विशेषज्ञों को आमंत्रित किया गया है।
99 फीसदी श्रीलंका मलेरिया से मुक्त
श्रीलंका को मलेरिया मुक्त किया जा चुका है व संस्थागत प्रसव 99 फीसदी हो चुका है। यह जानकारी 4 श्रीलंका से आई टीम ने दी। वहां से लगभग 25 विशेषज्ञों को बुलाया गया है। इस कार्यशाला में मंथन के बाद छत्तीसगढ़ की हेल्थ पॉलिसी तैयार की जाएगी, ताकि जन-जन तक बेहतर स्वास्थ्य सुविधा पहुंच सके।
राज्य बनने के बाद पहली बार स्वास्थ्य विभाग ने इतनी वृहद कार्यशाला का आयोजन किया है। शुभारंभ अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री अजय चन्द्राकर ने छत्तीसगढ़ की भौगोलिक स्थिति के बारे में जानकारी दी। प्रमुख सचिव सुब्रत साहू ने छत्तीसगढ़ में मातृ मृत्यु दर, शिशु मृत्यु दर कम करने तथा टीकाकरण की उपलब्धियों की जानकारी दी।
राष्ट्रीय हॉस्पिटल आफ श्रीलंका की डॉ. समृद्धि ने अपने देश की योजनाओं, मलेरिया उन्मूलन रणनीति पर जानकारी दी। नारायणा गु्रप के अध्यक्ष एवं संस्थापक डॉ. देवी शेट्टी ने चिकित्सा का महत्व, चिकित्सकों की आवश्यकता, चिकित्सा के क्षेत्र में रोजगार के अवसर पर जानकारी दी।
ये हुए शामिल
कार्यशाला में प्रमुख स्वास्थ्य सचिव सुब्रत साहू, स्वास्थ्य आयुक्त आर. प्रसन्ना, स्वास्थ्य संचालक रानू साहू, मुख्य कार्यकारी अधिकारी ग्लोकल हेल्थकेयर सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड के डॉ. सबात एस अजीम, श्रीलंका सरकार में आपातकालीन सेवा, स्वास्थ्य मंत्रालय के निदेशक डॉ. समृद्धि आदि प्रमुख रूप से मौजूद थे।