रायपुर(राज्य ब्यूरो)। Chhattisgarh Election 2023: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 में कांग्रेस की करारी हार के बाद पार्टी के भीतर हाहाकार मचा हुआ है। हार की वजहों को लेकर हर नेता अपनी ढपली और अपना राग अलाप रहा है। नई दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में शुक्रवार को छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस के नेताओं की पार्टी आलाकमान के साथ समीक्षा बैठक हुई। बैठक में शामिल होने दिल्ली पहुंचे छत्तीसगढ़ के निर्वतमान उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने कांग्रेस की हार के कारणों पर बड़ा बयान दिया।
उन्हाेंने मीडिया से चर्चा में कहा कि कांग्रेस की हार के लिए केवल ईवीएम पर सवाल उठाना ठीक नहीं है। हालांकि विकसित देशों में भी अब मत पत्र से चुनाव होते हैं। टीएस सिंहदेव ने कहा कि इस बार ट्राइबल सीट में 29 में से हम 11 सीट ही पाए हैं। भाजपा पिछले चुनाव की तुलना में करीब 14 प्रतिशत अधिक वोट हासिल की है। शहरी इलाकों में भी हम पीछे हुए हैं।
भूपेश बघेल के चेहरे पर चुनाव लड़ने पर हार की जिम्मेदारी किस पर है पूछने पर सिंहदेव ने कहा कि पोलिंग बूथ और मुझसे लेकर हर व्यक्ति की जिम्मेदारी है और उनको लेनी चाहिए। इसके पहले उन्होंने मीडिया से चर्चा में कहा था कि मैंने पार्टी को निराश किया, बेहद दुखी है। हो सकता है कि मुझे सीएम नहीं बनाए जाने के कारण भी ऐसा परिणाम आया हो। जिस पर जितनी जिम्मेदारी थी वह उतना ही बड़ा दोषी है। महादेव एप विवाद भी ताबूत की आखिरी कील की तरह रहा।
गौरतलब है कि महादेव एप से कथित रूप से निर्वतमान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का नाम उछल चुका है। सिंहदेव ने स्पष्ट रूप से स्वीकार किया है कि ढाई-ढाई साल के सीएम वाले फार्मूले पर अमल नहीं होने और भूपेश बघेल के साथ उनके संबंधों को लेकर कुछ समय के लिए बनी खटास का असर भी चुनाव पर रहा। सरगुजा की जनता को यह बात पसंद नहीं आई। सिंहदेव ने यह भी कहा कि चुनाव में पार्टी की ओर से समुचित फंड भी नहीं दिया गया।
छत्तीसगढ़ के निवर्तमान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश में कांग्रेस की हार पर कहा कि जनता ने जो जनादेश दिया है, वो स्वीकार है। समीक्षा होगी तब कारणों का पता चलेगा। वहीं ईवीएम मशीनों पर उठ रहे सवाल पर कहा कि जैसे ही इसके बारे में बोलो भाजपा को जोर से मिर्ची लगती है। इतना जोर से क्यों लगता है। इसका कुछ न कुछ तो कारण होगा।
पूर्व मंत्री अमरजीत भगत ने कहा है कि आपसी सामंजस्य की कमी का नुकसान उठाना पड़ा। छत्तीसगढ़ के किसान मालामाल और पूरे देश के किसान बेहाल थे। इसके बाद भी किसानों का समर्थन में नहीं आना समझ से परे है। सब अपना-अपना चलाने के चक्कर में निपट गए। आपसी सामंजस्य नहीं होने से हार हुई। जो जनादेश आया उसकी उम्मीद नहीं थी।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा है कि अध्यक्ष बनाए जाने के बाद चुनाव की तैयारी के लिए उन्हें ज्यादा समय नहीं मिल पाया। उन्हाेंने कहा कि भाजपा के झूठ के सामने कांग्रेस का सच दब गया है।