रायपुर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। Sanskrit Day 2021: हर साल रक्षाबंधन के दिन संस्कृत दिवस मनाया जाता है। इस बार 22 अगस्त को पड़ रहे रक्षा बंधन पर संस्कृत दिवस मनाने की तैयारियां शुरू हो चुकी है। संस्कृत भारती छत्तीसगढ़ के नेतृत्व में संस्कृत दिवस पर श्रावणी उपाकर्म यानी विधिवत जनेऊ धारण करने की परंपरा निभाई जाएगी। संस्कृत भारती छत्तीसगढ़ के प्रवक्ता पं. चंद्रभूषण शुक्ला एवं ने बताया कि वर्ष 2000-01 मे पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्व. अटल बिहारी बाजपेयी की पहल से संस्कृत वर्ष मनाया गया और प्रथम बार संस्कृत सप्ताह मनाया जाना प्रारंभ हुआ।
संस्कृत सप्ताह रक्षाबंधन श्रावणी पूर्णिमा के तीन दिन पहले और तीन दिन बाद तक मनाया जाता है और रक्षाबंधन के दिन संस्कृत दिवस। संस्कृत भारती के महामंत्री डॉ. दादूभाई त्रिपाठी ने बताया कि संस्कृत भारती एक अखिल भारतीय संगठन है जो हर राज्य में कार्य कर रही है। इसका उद्देश्य संस्कृत भाषा के प्रचार, प्रसार और संस्कृत की महत्ता को अक्षुण्ण बनाए रखना तथा संस्कृत में वार्तालाप के साथ देश सेवा का है। 25 मार्च 2003 को छत्तीसगढ़ संस्कृत विद्यामंडलम (संस्कृत बोर्ड) की स्थापना हुई।
इसके बाद वर्ष 2003 से संस्कृत भारती संगठन छत्तीसगढ़, एवं संस्कृत विद्यामंडलम के सानिध्य में हर वर्ष संस्कृत सप्ताह मनाया जा रहा है। पिछले साल 2020 में कोरोना वायरस के कारण लाकडाउन होने से संस्कृत सप्ताह और संस्कृत दिवस आनलाइन मनाया गया। इस साल संस्कृत में विविध प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। इसके लिए संस्कृत भारती छत्तीसगढ़ की टीम जुटी है।
संस्कृत भारती छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष डॉ. सतेंद्र सिंह सेंगर, संगठन मंत्री हेमंत साहू, प्रांतमंत्री डॉ. दादूभाई त्रिपाठी, शिक्षण प्रमुख डॉ. लक्ष्मीकांत पंडा, महानगर संयोजक वैभव कान्हे, प्रचार प्रमुख पं. चंद्रभूषण शुक्ला रायपुर से तथा बिलासपुर से सहप्रांत अध्यक्ष डॉ. राजकुमार तिवारी, सह प्रांत मंत्री डॉ. गोपेश तिवारी, दामोदर सोनी, दुर्गेश तिवारी, महासमुंद से प्रफुल्ल त्रिपाठी, धमतरी से होमेश्वर चंद्राकर, सरगुजा से राजेश भगत सहित पूरे छत्तीसगढ़ के अलग अलग जिलों से प्रमुख कार्यकर्ता एवं संस्कृत महाविद्यालय से प्रोफेसर बहुरण सिंह पटेल, प्रमोद झाड़ी, हेमंत शर्मा आदि भाग लेंगे।