रायपुर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। Shardiya Navratri 2021: पितृ पक्ष में एक तिथि दो दिन पड़ने से पितृ पक्ष 16 दिनों तक मनाया जा रहा है, वहीं 10 दिन बाद शुरू हो रही शारदीय नवरात्रि में दो तिथि एक ही दिन पड़ेगी। एक ही दिन दो तिथि पड़ने से नवरात्रि आठ दिनों की रहेगी। आठ दिनों में ही नौ देवियों की पूजा-अर्चना की जाएगी।
महामाया मंदिर के पुजारी पंडित मनोज शुक्ला के अनुसार इस बार नवरात्रि 7 अक्टूबर को शुरू होकर 14 अक्टूबर को समाप्त होगी। 9 अक्टूबर को तृतीया और चतुर्थी तिथि एक साथ मनाई जाएगी। इसी दिन माता के तीसरे स्वरूप चंद्रघंटा और चौथे स्वरूप कुष्मांडा देवी की पूजा एक साथ की जाएगी।
छह माह पहले बुकिंग कराई ज्योति अब जलेगी
पिछले साल मार्च 2020 में जिन श्रद्धालुओं ने मनोकामना ज्योति प्रज्वलित कराने पंजीयन करवाया था, कोरोना महामारी के कारण मंदिर बंद होने से ज्योति प्रज्वलित नहीं की गई थी। उन श्रद्धालुओं की ज्योति छह माह बाद शारदीय नवरात्रि में प्रज्वलित की गई थी। इस साल 2021 अप्रैल महीने में कोरोना की दूसरी लहर शुरू हो जाने से फिर मंदिर बंद हो गए थे और केवल मंदिर की 11 महाजोत ही प्रज्वलित की गई थी। जिन्होंने अप्रैल में पंजीयन करवाया था, अब छह माह उन्हीं श्रद्धालुओं की ज्योति प्रज्वलित की जाएगी।
महामाया मंदिर में नया पंजीयन नहीं
महामाया मंदिर में इस बार शारदीय नवरात्रि में पंजीयन नहीं किया जा रहा है। चैत्र नवरात्रि में पांच हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने पंजीयन करवाया था, केवल उन्हीं भक्तों की मनोकामना ज्योति प्रज्वलित होगी।
गाइडलाइन का इंतजार
रावांभाठा के बंजारी मंदिर के ट्रस्टी हरीश भाई जोशी के अनुसार मंदिर में 11 हजार से अधिक ज्योति प्रज्वलित की जाती है। आकाशवाणी तिराहा स्थित काली मंदिर के डीके दुबे के अनुसार 3551 ज्योति प्रज्वलित की जाएगी। कोरोना की तीसरी लहर की संभावना को देखते हुए प्रशासन की गाइड लाइन का इंतजार है। अनुमति मिलने पर ज्योति प्रज्वलित की जाएगी। हालांकि पंजीयन किया जा रहा है, लेकिन श्रद्धालुओं से कहा गया है कि गाइडलाइन के अनुरूप ही फैसला लिया जाएगा।
माता के नौ रूप तिथि-तारीख
प्रथम शैलपुत्री 7 अक्टूबर, प्रतिपदा
द्वितीय ब्रह्मचारिणी 8 अक्टूबर, द्वितीया
तृतीय चंद्रघंटा 9 अक्टूबर, तृतीया
चतुर्थ कुष्मांडा 9 अक्टूबर, चतुर्थी
पंचम स्कंदमाता 10 अक्टूबर, पंचमी
षष्ठम कात्यायनी 11 अक्टूबर, षष्ठी
सप्तम कालरात्रि 12 अक्टूबर, सप्तमी
अष्टम महागौरी 13 अक्टूबर, अष्टमी
नवमी सिद्धिदात्री 14 अक्टूबर, नवमी