रायपुर। सावन महीने का अलग ही आनंद है। चारों दिशाओं में हरियाली मन काे आनंदित कर देती है। सावन शुरू होते ही हरियाली उत्सव भी शुरू हो गए है। खासकर महिलाएं सावन को बड़े उत्साह के साथ मनाती है। महिलाएं सावन में झूला झूलतीं हैं, सावन के गीतों पर पैरों की थिरकन रोके नहीं रुकती। शहर में अलग-अलग संगठनों की महिलाएं भी ग्रीन थीम के अनुसार सावन उत्सव सेलिब्रेट करना शुरू कर दिया है। हरे रंग की परिधान धारण करने के साथ हरे रंग के बिंदी, चूड़ी का श्रृंगार कर मनोरंक खेल भी खेलती है। और बेहतर प्रदर्शन करने वाली एक महिला को सावन क्वीन का ताज पहनाया जाता है।
बाजार में महिलाओं के लिए हरे रंग की साड़ियां, चूड़ियां, श्रृंगार के सामान और पारंपरिक खेलों के सामान बिकने लगे हैं। प्रकृति की विभिन्न रूपों में पूजा की जाती है और खास पौधों, जैसे- पीपल, तुलसी और केले के पेड़ को पवित्र माना जाता है। इस प्रकार, हरा पहनना श्रद्धा के कार्य के रूप में देखा जाता है और माना जाता है कि इससे प्रकृति का आशीर्वाद मिलता है।
ग्रीन थीम पर साड़ियां, चूड़ियां और कंगन
महिलाओं के लिए ग्रीन थीम पर साड़ी, चुनरी, चूड़ी, कंगन, के साथ अन्य सौंदर्य समानों का सेट दुकानदारों ने सेट किए है। कपड़ा दुकान संचालक रोहित जैन ने बताया कि सावन का महीना शुरू होते ही सावन उत्सव शुरू हो गए है। ऐसे में सबसे ज्यादा हरे रंग की सौंदर्य प्रसाधनाें की मांग रहती है। ग्रीम थीम के अनुसार डिजाइनर और अलग-अलग वैरायटी के हरे रंग की साड़ी सहित चूड़ियां दुकान में है।
हरे रंग की लहरिया साड़ी की डिमांड
पंडरी स्थित साड़ी दुकान संचालक मिथिन जैन ने बताया कि सावन में लहरिया साड़ी की डिमांड में है। मौसम में अनुसार महिलाएं हरा रंग की साड़ी ज्यादा ले रही है। एक हजार से तीस हजार रुपये तक की लहरिया साड़ी जयपुर से बाजार में पहुंच रही है। सिफोन साड़ी में गोटा पत्ती का वर्क होता है।
सावन क्वीन के लिए फूल-पत्तों और फलों से सजे टियारा
खेलों और मनोरंजक गतिविधियों के माध्यम से समूह के किसी एक सदस्य को सावन क्वीन का खिताब भी दिया जाता है। इसमें विजेता काे हरियाली का प्रतीक रंग-बिरंगे पुष्पों और फलों का ताज पहनाया जाता है। सौंदर्य प्रसाधन दुकान संचालक अमितेष वर्मा ने बताया कि सावन महीने में फूल-पत्तों वाले टियारा खूब चलन में हैं। बड़े फूलों वाला टियारा किसी भी मौके और परिधान पर खूबसूरत लगते हैं। फलों में अंगूर, सेब संतरा, चेरी आदि फलों के मिलाप से बने टियारा चलन में है।