32 प्रतिशत से कम आरक्षण को सर्व आदिवासी समाज ने कहा अनुचित, राज्यपाल अनुसुईया उइके से भेंट कर ज्ञापन सौंपा
छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज ने राज्यपाल से कहा, 32 प्रतिशत से कम आरक्षण आदिवासियों के हितों के खिलाफ है।
By Ashish Kumar Gupta
Edited By: Ashish Kumar Gupta
Publish Date: Fri, 20 Jan 2023 11:23:26 AM (IST)
Updated Date: Fri, 20 Jan 2023 11:23:26 AM (IST)
रायपुर। राज्य ब्यूरो। राज्यपाल अनुसुईया उइके से राजभवन में छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज के प्रांताध्यक्ष भारत सिंह के नेतृत्व में प्रतिनिधियों ने मुलाकात की। प्रतिनिधियों ने राज्यपाल से संवैधानिक प्रविधानों के तहत छत्तीसगढ़ में आदिवासी जनसंख्या को आधार मानकर आरक्षण विधेयक लाने की बात कही। उन्होंने कहा कि 32 प्रतिशत से कम आरक्षण आदिवासियों के हितों के खिलाफ है। प्रतिनिधियों ने राज्यपाल से कहा कि वे राज्य शासन को जनजातीय हितों के अनुरूप आरक्षण विधेयक लाने के लिए निर्देशित करें।
प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि आदिवासियों के विकास के लिए छत्तीसगढ़ राज्य का गठन किया गया था। पर्याप्त आरक्षण के अभाव में जनजातियों को उनका हक नहीं मिल पा रहा है। संविधान में अनुसूचित जाति और जनजाति दोनों के लिए आरक्षण का आधार जनसंख्या को माना गया है। अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए जनसंख्या को आधार बनाने का कोई संवैधानिक प्रविधान नहीं है।
राज्यपाल उइके ने कहा कि वह राज्य में आदिवासियों के अधिकारों को लेकर निरंतर कार्य कर रहीं हैं। उन्होंने प्रतिनिधिमंडल को भरोसा दिलाया कि वह आदिवासियों के साथ सभी के हितों के संरक्षण के लिए हरसंभव प्रयास करेंगी। इस अवसर पर बीएल ठाकुर, भारत सिंह, बीपीएस नेताम, आरबी सिंह, हीरालाल नायक सहित अन्य मौजूद थे।