'चमकी' से फीकी पड़ी लीची, फल कारोबारियों का बेचने से तौबा
Lychees Fever वैसे इस साल आम की डिमांड में इजाफा हुआ है, लेकिन अब दूसरे फलों की तुलना में आम की मांग बढ़ गई है
By Sandeep Chourey
Edited By: Sandeep Chourey
Publish Date: Sat, 22 Jun 2019 08:33:39 AM (IST)
Updated Date: Sun, 23 Jun 2019 08:54:38 AM (IST)
रायपुर। बिहार के मुजफ्फरपुर में बच्चों में फैले चमकी बुखार का असर इस सीजन के पसंदीदा फल लीची पर भी पड़ने लगा है। बताया जा रहा है कि मार्केट में इस प्रकार की अफवाह फैली है कि इस बुखार का कारण लीची है और इस फल में ही एक प्रकार का वायरस आ रहा है। इस प्रकार की अफवाह के चलते इन दिनों राजधानी के कारोबारियों ने लीची मंगाने से तौबा कर ली है तथा इसके ग्राहक भी बिल्कुल नदारद हैं।
नया स्टॉक मंगाना तो कारोबारियों ने बंद ही कर दिया है, पुराना स्टॉक भी निकालना भी बंद है। यहां तक कि जो ग्राहक लीची मांगते भी हैं, उन्हें फल कारोबारी बता रहे हैं कि लीची खराब आ रही है और इसके चलते उसे मंगाना ही बंद कर दिया गया है। कारोबारी मोहम्मद असलम का कहना है कि जब तक ऐसा माहौल रहेगा, लीची नहीं मंगाई जाएगी।
आने लगे काले जामुन
फल मार्केट में इन दिनों मौसमी फल के रूप में काले जामुन, आलू बुखारा आने लगे हैं। इन दिनों इनकी मांग भी धीरे-धीरे जोर पकड़ने लगी है। मार्केट में काला जामुन 40 रुपये किलो और आलू बुखारा भी 60-80 रुपये किलो बिक रहा है।
आम की बढ़ी डिमांड
वैसे इस साल आम की डिमांड में इजाफा हुआ है, लेकिन अब दूसरे फलों की तुलना में आम की मांग बढ़ गई है और आवक अच्छी होने के कारण कीमतों में भी बढ़ोतरी नहीं हुई है। यहां तक कि हापुस आम की कीमत में भी गिरावट है। हापुस आम 600-700 रुपये पैकेट तक बिक रहा है। साथ ही दूसरे आम भी 50 रुपये किलो बिक रहे हैं।
टमाटर थोक में और सस्ता
आवक में सुधार होने से सब्जियों की कीमतों में थोड़ी गिरावट आ गई है। विशेषकर थोक मार्केट में टमाटर समेत दूसरी सब्जियों के दाम और गिर गए हैं। टमाटर थोक में 700 रुपये कैरेट बिक रहा है। हालांकि चिल्हर में अभी भी यह 40 रुपये किलो है। गोभी 50 रुपये किलो, बैंगन 25 रुपये किलो और लौकी 15 रुपये किलो बिक रही है।