Ram Mandir Pran Pratishtha: प्राण प्रतिष्ठा से पहले भगवान राम का ननिहाल हुआ निहाल, माता कौशल्या की जन्मस्थली में अयोध्या की तर्ज पर होगी पूजा
Kaushalya Temple अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए भगवान राम के ननिहाल में अभी से उत्सव शुरू हो गया है।
By Pramod Sahu
Edited By: Pramod Sahu
Publish Date: Tue, 16 Jan 2024 06:18:50 PM (IST)
Updated Date: Tue, 16 Jan 2024 07:34:51 PM (IST)
रायपुर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। Kaushalya Temple अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए भगवान राम के ननिहाल में अभी से उत्सव शुरू हो गया है। यहां हर किसी के मन में राम रम गए हैं। लोगों ने इस समारोह को व्यापक और बड़े स्तर पर मनाने की तैयारी शुरू कर दी है। मंदिर से लेकर चौराहे और कालोनी से लेकर घर फूल, तोरण, रंग और झिलमिलाती रंगबिरंगे लाइट से सज रहे हैं। जगह-जगह दीवारों पर श्रीराम और अयोध्या के राम मंदिर की बड़ी-बड़ी पेंटिंग बनाई जा रही है। सुबह से देर शाम तक राम नाम की गूंज सुनाई दे रही है। स्कूल से लेकर कालेज के आयोजनों में भी रामभक्ति गीतों की धुन सुनाई दे रही है। पूरा शहर अभी भक्तिरस में डूबा हुआ है। विभिन्न कालोनियों में साज-सज्जा के साथ उत्सव की तैयारी की जा रही है। रामलीला मंचन, आतिशबाजी, भजन कीर्तन, दीपदान के लिए तैयारी की हो रही है।
चंदखुरी में अयोध्या के तर्ज पर पूजा और उत्सव
चंदखुरी में भगवान राम के ननिहाल छत्तीसगढ़ के चंदखुरी में अयोध्या की तर्ज पर पूजा और उत्सव मनाया जाएगा। इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी गई है। 22 जनवरी को मानस ज्ञान यज्ञ का आयोजन किया जाएगा। दिनभर मानस मंडली मंदिर में प्रस्तुति देगी। बता दें कि राजधानी रायपुर से 27 किलोमीटर दूर स्थित चंदखुरी गांव को भगवान राम की मां कौशल्या का जन्म स्थान माना जाता है। 126 तालाबों वाले इस गांव में जलसेन तालाब के बीच में माता कौशल्या का ऐतिहासिक मंदिर स्थित है। प्रभु श्रीराम को गोद में लिए हुए माता कौशल्या की अद्भुत प्रतिमा इस मंदिर को दुर्लभ बनाती है । विभिन्न् शोधपत्रों, अभिलेखों एवं मान्यता अनुसार भगवान श्रीराम ने अपना वनवास काल छत्तीसगढ़ में विभिन्न स्थानों पर व्यतीत किया था।
अन्य देवी-देवताओं की प्रतिमा भी
कौशल्या मंदिर के चारों तरफ सुंदर एवं मनमोहक उद्यान है। तालाब के एक ओर बीच में शेषनाग की शैय्या पर विराजित भगवान विष्णु के चरण दबाते मां लक्ष्मी की प्रतिमा आकर्षण का केंद्र है। दूसरी ओर समुद्र मंथन करते दानव और देवताओं द्वारा वासुकी नाग को मथनी (रस्सी) बनाकर मथते हुए की प्रतिमाएं भक्तों को लुभाती हैं। मंदिर परिसर में बने उद्यान में वैद्य सुषेण की प्रतिमा भी है, जिनके बारे में कहा जाता है कि उन्होंने ही भगवान श्रीराम के भ्राता लक्ष्मण को संजीवनी बूटी से पुनः स्वस्थ किया था।
शाम को गूंजने लगता है राम नाम
राजधानी के बालाजी कालोनी सेक्टर 2, न्यू राजेंद्र नगर में 60 से 70 परिवार निवास करते हैं। मधु यादव ने बताया कि कालोनी में विगत 10 दिनों से प्रतिदिन एक घर में कलश पूजा के साथ सुंदर कांड और हनुमान चालीस का पाठ किया जा रहा है। शाम होते ही कालोनी राम नाम के जयघोष से गूंजने लगता है। 22 जनवरी को सुबह से शाम तक विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। राम दरबार लगाया जाएगा। मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का सीधा प्रसारण बड़े स्क्रीन में किया जाएगा। आरती, भंडारे के बाद शाम को 500 तक दीप जलाए जाएंगे।
चल रहा मंदिरों में सजावट का काम
अर्जुन एनक्लेव आवासीय सहकारी सोसायटी, भैरव नगर, मठपुरेना में मंगलवार से अक्षत कलश और राम ध्वज का प्रत्येक घरों में वितरण किया जाएगा। रहवासी दीया मूलचंदानी ने बताया कि कालोनी अभी रामभक्ति में पूरी तहर से लीन है। मंदिर को सजाने का काम चालू हो गया है। 22 जनवरी के लिए विशेष तैयारियां की जा रही है। पूजा पाठ के बाद शाम को सुंदरकांड और भजन का आयोजन किया जाएगा। प्रत्येक घर से 11 दीये जलाएं जाएंगे।
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