राज्य ब्यूरो, नईदुनिया रायपुर। रायपुर-दक्षिण विधानसभा सीट के लिए चुनावी घोषणा होते ही भाजपा-कांग्रेस दोनों ने ही सबसे उपयुक्त प्रत्याशी की खोज शुरू कर दी है। पार्टी सूत्रों के अनुसार भाजपा ने जहां तीन नाम तय कर लिए हैं और इन नामों को हाईकमान के पास भेज भी दिया गया है। वहीं कांग्रेस भी बेहतर प्रत्याशी के लिए सर्वे करा रही है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि उपचुनाव एक तरह से विपक्ष के लिए बड़ी चुनौती होती है। उप चुनाव में उन्हें सीधे सरकार से ही जूझना होगा।
इधर बताया जा रहा है कि भाजपा की आंतरिक सर्वे में छह नाम तय हुए थे। इन नामों में से प्रत्याशी चयन के पैनल के लिए कुशाभाऊ ठाकरे परिसर में भाजपा की देर रात तक बैठक चली और तीन नाम तय किए गए हैं। बैठक में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के साथ ही पार्टी के नेताओं में पवन साय, धरमलाल कौशिक, विक्रम उसेंडी, सरोज पांडेय के साथ ही सांसद बृजमोहन अग्रवाल भी उपस्थित थे।
दिल्ली भेजे गए तीनों नाम अभी गुप्त रखे गए है। हालांकि नेताओं के बीच यह चर्चा जोरों पर है कि रायपुर दक्षिण विधानसभा में टिकट की दौड़ में भाजपा के प्रदेश कोषाध्यक्ष नंदन जैन और रायपुर के पूर्व सांसद सुनील सोनी और रायपुर विकास प्राधिकरण के पूर्व अध्यक्ष संजय श्रीवास्तव के नाम में से किसी एक नाम पर विचार किया जा सकता है। हालांकि इसके अलावा भी प्रदेश प्रवक्ता केदारनाथ गुप्ता, रायपुर नगर निगम की नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे के नाम को लेकर भी चर्चा है।
नंदन जैन: भाजपा के प्रदेश कोषाध्यक्ष है। संघ से गहरा नाता है तथा कारोबार से भी जुड़े हैं। व्यापारी वर्ग में भी इनकी अच्छी पकड़ है और एक सशक्त युवा चेहरा हैं।
सुनील सोनी: रायपुर के पूर्व सांसद हैं और रायपुर के महापौर भी रह चुके है। बृजमोहन अग्रवाल के करीबी भी माने जाते है।
सुभाष तिवारी: नगर निगम रायपुर के वरिष्ठ पार्षद है। बृजमोहन अग्रवाल की कोर टीम के प्रमुख सदस्य है।
संजय श्रीवास्तव: भाजपा में संगठन महामंत्री है तथा आरडीए के अध्यक्ष रह चुके है।
केदार गुप्ता: बीजेपी के वरिष्ठ नेता है औस सियासी मंचों पर मजबूती से पार्टी की बात रखते है। बृजमोहन की गुडबुक में ये भी माने जाते है। दो बार रायपुर उत्तर से टिकट के दावेदार भी रहे है।
मीनल चौबे: तीन बार की पार्षद है। संगठन स्तर पर काफी सक्रिय है तथा रायपुर नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष है।
रायपुर के दक्षिण विधानसभा सीट पर कांग्रेस कभी नही जीती है। उप-चुनाव में इस मिथक को तोड़ने के लिए कांग्रेस प्रयासरत है और रणनीति बनाकर काम कर रही है। प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट भी इस सीट पर उम्मीदवारों पर नजर रखे हुए हैं। बृजमोहन अग्रवाल के सांसद बनने के बाद इस बार पार्टी को उम्मीद ज्यादा है। रायपुर दक्षिण में बदली परिस्थितियों में कांग्रेस सभी संभावनाएं टटोल रही है।
कांग्रेस एक ऐसे उम्मीदवार का चयन करना चाहती है, जो पार्टी को जीत दिला सके। इसके लिए सर्वे किया जा रहा है। दक्षिण विधानसभा के प्रत्येक वार्ड से फीडबैक जुटाया जा रहा है। कांग्रेस ने इसके लिए नौ सदस्यीय चुनाव प्रबंधन समिति का भी गठन किया है, जिसमें छह पूर्व मंत्री और पूर्व विधायक समेत कई वरिष्ठ नेता शामिल हैं। दक्षिण सीट से कांग्रेस के कई नेता दावेदारी कर रहे हैं। लेकिन, प्रत्याशी के लिए चार नाम ज्ञानेश शर्मा, प्रमोद दुबे, कन्हैया अग्रवाल और आकाश शर्मा की चर्चा सबसे ज्यादा है।
ज्ञानेश शर्मा: ये नगर निगम रायपुर में एमआइसी सदस्य हैं। योग आयोग के अध्यक्ष भी रह चुके हैं।
प्रमोद दुबे: वर्तमान में रायपुर नगर निगम के सभापति हैं। लोकसभा चुनाव 2019 में कांग्रेस ने दुबे को रायपुर सीट से मैदान में उतारा था।
कन्हैया अग्रवाल: दक्षिण विधानसभा सीट के लिए वर्ष 2018 में कांग्रेस से कन्हैया अग्रवाल प्रत्याशी थे, हालांकि इन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
आकाश शर्मा: आकाश शर्मा युवा कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष हैं। वह कांग्रेस से सशक्त युवा चेहरा हैं।
रायपुर-दक्षिण सीट से आठ बार विधायक रहे वर्तमान रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि आगे भी इस सीट पर कमल खिला रहेगा। अब लोगों को दो-दो विधायक मिलेंगे। यहां की जनता ने मुझे आठ बार विधायक बनाया है। यहां भाजपा आठ बार लगातार जीती है अब नौवीं बार भी कमल खिलेगा। डबल इंजन की सरकार में विकास होगा।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि उपचुनाव के लिए संगठनात्मक तैयारी पूरी है। सभी 19 वार्डों में बूथ कमेटियां चुनाव में जाने को मुस्तैद है। वार्ड स्तर पर जिम्मेदारी दी जा चुकी है। कार्यकर्ताओं की बैठकें जारी हैं। प्रत्याशियों की लंबी सूची है। लेकिन जो मजबूत, जीतने के लायक और सभी समीकरणों पर फिट बैठेगा, उसे ही प्रत्याशी बनाया जाएगा।