रायपुर। Singer Ananya Birla in Raipur जलवायु परिवर्तन आज भविष्य की सबसे बड़ी चुनौती में से एक है। सम्पूर्ण विश्व आज इस समस्या को लेकर तैयारी में जुटा हुआ हैं। इस बड़ी समस्या से निपटने के लिए युवाओं की अहम भागीदारी हो सकती है। जलवायु परिवर्तन को रोकने में युवाओं की भागीदारी को सुनिश्चित करने के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जहां अनुभवी के साथ युवा पर्यावरणविद ने जलवायु परिवर्तन की समस्या और समाधान की बाते सामने रखी। इस दौरान मुख्य अतिथि, महिला उद्यमी और अंतरराष्ट्रीय गायिका अनन्या बिड़ला ने अपने विचार रखें। कार्यक्रम के आखिर में अन्यया नें अपने मधुर गीतों से युवाओं में और जोश भर दिया।
Singer Ananya Birla in Raipur: अंतरराष्ट्रीय गायिका अनन्या बिड़ला ने गायकी से भरा जोश, जलवायु परिवर्तन पर रखे विचार pic.twitter.com/Mx2yKyA95L
जलवायु परिवर्तन के खिलाफ युवाओं की भूमिका" नाम के इस कार्यक्रम में चर्चा पैनल के माध्यम से विषय पर विचार किया गया। पैनल में मौजूद गायिका और महिला उद्यमी अनन्या बिड़ला ने बताया कि उनकी संस्था अनन्या फाउंडेशन जलवायु परिवर्तन को रोकने के साथ मानसिक रूप से परेशान युवाओं के लिए भी लगातार काम कर रही है। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन हमारे लिए बहुत बड़ी चुनौती है। इसका सामना हम सबको मिलकर करना होगा। अनन्या बिड़ला ने वर्ष 2023 में दस हजार वृक्षारोपण लगाने का संकल्प लिया। इसकी शुरूवात उन्होंने रायपुर से ही की। दीनदयाल उपाध्याय सभागार परिसर के बाहर अनन्या ने मुख्यमंत्री भुपेश बघेल के सलाहकार गौरव द्विवेदी के साथ पौधा लगाया। कार्यक्रम के आखिरी में अनन्या और बैंड ने धमाकेदार प्रस्तुति दी। बड़ी संख्या में पहुंचे युवा जमकर झूमें।
अनन्या को मिला घर वालों का साथ
अनन्या बिड़ला ने बताया कि उन्हें शुरू से ही संगीत का शौक रहा। स्कूल कालेज के दिनों मेंं वे म्यूजिक क्लब्स में जाया करती थीं। वहां म्यूजिक इंस्ट्रूमेंट्स बजाया करती थी। इसमें इतना मजा आता था कि तय कर लिया था म्यूजिक में ही करियर बनाना है। अनन्या कहती हैं वे अपनेे गानों में अपने अंदर की भावनाओं के बारे में लिखती है। ताकि संगीत के साथ कोई भी अकेला अनुभव न करें। अनन्या ने कहा कि मुझे संगीत में रूचि थी तो मैने संगीत को चुना मेरे घर वालों ने भी इसमें मेरा साथ दिया।
घर में बैठे बैठै कर सकते है योगदान
छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम पंडित दीनदयाल उपाध्याय सभागार में आयोजित किया गया। छत्तीसगढ़ के यूनिसेफ प्रमुख बाल परितोष दास ने बताया कि आज तेजी से जलवायु परिवर्तन हो रहा है। इसके दूरगामी प्रभाव अभी से दिखाई देने लगे है। जिस प्रकार कोरोनाकाल के दौरान रोको टोको अभियान चलाया गया उसी प्रकार आज जलवायु परिवर्तन के लिए जागरूकता अभियान चलाने की आवश्यता है। इस अभियान में युवा अंबेसडर के रूप में काम कर सकते है। आज युवा सोशल मीडिया में काफी सक्रिय रहते हैं। सोशल मीडिया के माध्यम से ही आप घर में बैठे-बैठे लोगों को जागरूक कर सकते हैं। इसके अलावा छोटी-छोटी चीजें जैसे बेवजह लाइट ना जलाना, पानी की फिजूल खर्ची नहीं करना, प्लास्टिक का उपयोग नहीं करके आप जलवायु परिवर्तन को रोकने में प्रमुख भूमिका निभा सकते हैं।
एक गांव को गोद लेकर जागरूक कर रही तनुजा
चर्चा पैनल में मौजूद युवती तनुजा वर्मा ने बताया कि वे एनएसएस की साथ जुुड़ी है। एनएसएस के सभी सदस्य कम से कम एक गांव को जागरूक करने के लिए चुनते है। उसके बाद गांव में जलवायु परिवर्तन के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए विभिन्ना कार्यक्रम कराया जाता है। गांवों में पहले पानी और पेड़ के प्रति लापरवाही देखीं जाती थी, लेकिन अब वे संसाधनों के बेहतर उपयोग करना सीख गए है।
हर महिने मनाते है जल सभा -
23 साल की युवा पर्यावरण कार्यकर्ता मंजरी शर्मा पहले यूनिसेफ के साथ जुड़कर लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक किया उसके बाद अब अपने दोस्तों के साथ मंजरी जलवायु परिवर्तन को रोकने का काम कर रही है। मंजरी ने बताया कि प्रत्येक महिने के 22 तारीख को जल सभा का आयोजन करते है। जल सभा में पेड़ लगाना, सुख रहे पेड़ों का चयन कर देखभाल करना, पानी के पुन: उपयोग के लिए उपाय बनाना जैसे गतिविधि की जाती है। युवा तनुजा और मंजरी का पर्यावरण के प्रति लगाव युवाओं के लिए प्रेरणा की तरह है।