रायपुर। महासमुंद के जिला बसना नगर के गौरव मेजर गगनदीप सिंह भाटिया (33) का गुरुवार को सैनिक सम्मान के साथ नगर में अंतिम विदाई दी गई। इसके लिए रायपुर से जिला सैनिक कल्याण कार्यालय से अधिकारियों के नेतृत्व में सेना की टीम बसना पहुंची थीं। विधिवत प्रक्रिया पूरी करने के बाद कैप्टन अनुराग तिवारी ने माता-पिता को तिरंगा ध्वज सौंपा। बता दें कि 18 जनवरी को झारखंड के रांची में एक सड़क दुर्घटना में मेजर गगनदीप सिंह का निधन हो गया।
गगनदीप सेना में चिकित्सक थे। वे पारिवारिक कार्यक्रम में शामिल होने बसना आये थे, जहां से नौकरी ज्वाइन करने 18 जनवरी को रांची लौट रहे थे। स्वजनों के अनुसार उनकी कार घने कोहरे के कारण एक ट्रक से टकराई, गगनदीप ही कार चला रहे थे। कार ट्रक से टकराने से उनकी मौत हो गई। उनके निधन की सूचना से नगर व क्षेत्र में शोक लहर दौड़ गई। शोक में गुरुवार को नगर स्वस्फूर्त बंद रहा। सभी व्यापारिक प्रतिष्ठानों में ताला लगाकर व्यापारियों ने अपनी माटी के लाल को आखरी सलामी दी। गुरुवार को उनका पार्थिव शरीर बसना पहुंचा तो अंतिम दर्शन के लिए जनसैलाब प्रेम निवास में उमड़ पड़ा। वे दीप सिंह प्रेम के पोते और डा. नागेन्द्र सिंह के बेटे थे। मेजर गगनदीप सिंह भाटिया न केवल एक कुशल चिकित्सक थे, अपितु अपनी जिंदादिली और सेवाभावी स्वभाव के लिए क्षेत्र में चर्चित थे। वर्तमान में गगनदीप भाटिया आर्मी हास्पिटल नामकुम रांची में कार्यरत थे। डाक्टर गगनदीप भाटिया का पैतृक घर पंजाब बताया जा रहा है, लेकिन काफी दिनों पूरे परिवार के साथ छत्तीसगढ़ के रायपुर में घर बनाकर रह रहे थे।
गौरतलब है कि कर्रा थाना क्षेत्र के लोधमा पुलिस पिकेट के पास मंगलवार देर रात हुई सड़क दुर्घटना में आर्मी डाक्टर 33 वर्षीय गगनदीप भाटिया की मौत हो गई। जानकारी के अनुसार गगनदीप भाटिया मंगलवार को अपने नेक्सजेन कार एमएच26बीसी-8828 से छत्तीसगढ़ के रायपुर से रांची आ रहे थे। इसी क्रम में लोधमा पुलिस पिकेट के पास उनकी कार अनियंत्रित होकर पुलिस पिकेट के बाहर खड़े बालू लदे हाइवा से टकरा गई। दुर्घटना में गगनदीप भाटिया गंभीर रूप से घायल हो गए। उनकी नाक व सिर से काफी खून बह रहा था। लोधमा पुलिस पिकेट के जवानों ने गगनदीप भाटिया को 108 एंबुलेंस से रात्रि 11 से 12 बजे के बीच रिम्स रांची पहुंचाया। यहां गगनदीप भाटिया को मृत घोषित किया गया।