रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में धान खरीदी के मुद्दे पर आज एक बार फिर जमकर गहमागहमी हुई। विपक्ष के नेताओं ने धान का रकबा कम किये जाने का मामला शून्यकाल में उठाया। इस पर स्थगन कर चर्चा की मांग रखी। खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि रकबा में कटौती का कोई निर्देश सरकार ने नहीं दिया है। सरकार के इस जवाब के बाद विधानसभा अध्यक्ष चंरणदास महंत ने स्थगन प्रस्ताव अग्राह्य कर दिया। इस पर भाजपा नेताओं ने जताई आपत्ति। विधानसभा में जमकर हंगामा होने लगा। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि यह गंभीर मामला है, किसानों की हित से जुड़े इस मामले पर चर्चा की जानी चाहिए।शोर शराबे के बीच सदन की कार्यवाही पांच मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी।
सदन की कार्यवाही दुबारा शुरू होने पर बीजेपी विधायक शिवरतन शर्मा ने कहा कि एक उच्च स्तरीय अधिकारी ने सभी जिला कलेक्टरों को निर्देशित किया है कि धान का रकबा कम किया जाए।पूर्व मंत्री व बीजेपी विधायक अजय चन्द्राकर ने कहा कि कृषि, राजस्व विभाग के लोग किसानों को रकबा कम करने डरा रहे हैं।
मुख्य सचिव ने कलेक्टरों को रकबा कम करने निर्देश दिया है। हर जिले में रकबा घटाने का टारगेट दिया गया है। जिला कलेक्टरों ने तहसीलदार को और तहसीलदार ने पटवारियों को रकबा कम करने लक्ष्य दिया है। सरकार इसके जरिये तीन से चार लाख हेक्टेयर रकबा की धान खरीदी से बचना चाह रही है। अब तक धान खरीदी शुरू नहीं हो पायी है, इससे किसान अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं।
बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि किसान इससे चिंतित है। इस निर्णय से किसान आत्महत्या करने पर मजबूर हो सकते हैं। पूरे प्रदेश में करीब पांच लाख हेक्टेयर रकबा कम करने के निर्देश हैं। यह किसानों के साथ अन्याय और अत्याचार है। जेसीसी विधायक धर्मजीत सिंह ने कहा कि जब रजिस्ट्रेशन सरकार ने किया है तो अब किसानों को रकबा कम करने के नाम पर परेशान करने की जरूरत नहीं है।
धान खरीदने के बजाय धमका रही सरकार
पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह ने कहा कि यह बेहद गंभीर मामला है। लिखित रूप से यह निर्देश जा रहा है, आदेश में लिखा गया है कि हर जिले में 15 हजार हेक्टेयर रकबा कम किया जाए। आदेश में कहा गया है कि यदि रकबा कम नहीं हुआ तो संबंधित जिले के अधिकारी-कमर्चारी जिम्मेदार होंगे।
नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा है कि धान खरीदने वाली सरकार किसानों को धमका रही है। रकबा कम करने की धमकी दी जा रही है। एफआईआर तक की धमकी किसानों को दी गई है। किसान पर्ची लेकर सोसायटी में जा रहे हैं लेकिन खरीदी नहीं हो रही। दो-दो लाख मीट्रिक टन धान सभी जिलों से कम खरीदने की ये साजिश है।
जवाब देते हुए खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने इस पर कहा कि रकबे में अनावश्यक कटौती करने कोई निर्देश जिला कलेक्टरों को नहीं दिया गया है। रकबा संशोधन के निर्देश दिए गए हैं। 27 लाख 23 हजार हेक्टेयर रकबा पंजीकृत है। एक लाख 62 हजार हेक्टेयर रकबे की बढ़ोतरी हुई है। जिला कलेक्टरों, पुलिस अधीक्षकों और डीएफओ को सीमावर्ती राज्यों से अवैध धान रोकने के निर्देश शासन ने दिए हैं।
बड़ी तादाद में धान की जप्ती बनाई गई है। किसानों के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की गई है। कृषि उपज की स्टॉक सीमा चार क्विटल से बढ़ाकर दस क्विंटल किए जाने की घोषणा सरकार ने की है। किसान द्वारा बोए गए फसल की पुष्टि भुइयां सॉफ्टवेयर से की गई है। एक करोड़ 80 लाख कृषि भूमि में फसलों की जानकारी ऑनलाइन है।