राज्य ब्यूरो, रायपुर। PM E Bus Scheme in Chhattisgarh: केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ के पांच प्रमुख शहरों रायपुर, दुर्ग-भिलाई, बिलासपुर और कोरबा को पीएम ई-बस सेवा योजना के तहत इलेक्ट्रिक बसों के संचालन की मंजूरी दे दी है। इसके लिए काफी दिनों से प्रयास किया जा रहा था। योजना के तहत रायपुर को 100, दुर्ग-भिलाई को 50, बिलासपुर को 50 और कोरबा को 40 ई-बसों की स्वीकृति मिली है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस पर हर्ष जताया है।
उप मुख्यमंत्री व नगरीय प्रशासन मंत्री अरुण साव ने कहा कि डबल इंजन की सरकार के कारण नवाचार और स्थिरता की नई ऊंचाइयों को छू रहे हैं। यह योजना एक उपहार है, जो न केवल पर्यावरण को बचाएगी बल्कि हमारे जीवन को भी सुगम बनाएगी। ई-बसों का आगमन प्रदेश के लिए एक नई और स्वच्छ परिवहन सेवा का द्वार खोलेगी। इससे पर्यावरणीय प्रदूषण में कमी आएगी और शहरों की वायु गुणवत्ता में सुधार होगा।
साथ ही ऊर्जा की बचत भी होगी। उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार की यह योजना राज्यों को मिलने वाली केंद्रीय मदद को पारदर्शिता और उनके प्रदर्शन से जोड़ने की कोशिश का हिस्सा है। केंद्र सरकार की मंशा है कि यह योजना शहरों में मेट्रो के विकल्प या उसके सहयोगी साधन के रूप में विकसित हो ताकि लोगों को किफायती, भरोसेमंद और सुगम परिवहन की सुविधा उपलब्ध हो।
केंद्र सरकार शहरों को बसों की खरीद तथा उनके संचालन के लिए वित्तीय सहायता देगी, जिसमें एक बड़ा हिस्सा बस डिपो जैसे इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए भी खर्च किया जाएगा। पारदर्शिता रखने योजना की सामान्य शर्तों में प्रोजेक्ट के तहत दिए जाने वाले पैसे का थर्ड पार्टी आडिट अनिवार्य करने को शामिल किया गया है। शहरों को हर तीन महीनें में बसों के संचालन का हिसाब-किताब देना होगा।
योजना के तहत तीन तरह की बसें स्टैंडर्ड, मीडियम और मिनी चलाई जाएंगी। शहरों को जनसंख्या के आधार पर चार श्रेणियों में बांटा गया है। बीस से चालीस लाख तक की आबादी वाले शहरों को 150, दस से बीस लाख तथा पांच से दस लाख तक की आबादी वाले शहरों को 100-100 तथा पांच लाख से कम आबादी वाले शहरों को 50 ई-बसों की पात्रता थी। इसी आधार पर रायपुर को 100 मीडियम, दुर्ग-भिलाई को 50 मीडियम, बिलासपुर को 35 मीडियम तथा 15 मिनी और कोरबा को 20 मीडियम तथा 20 मिनी ई-बसों की स्वीकृति मिली है।
योजना के दिशा-निर्देशों के अनुसार बसों की खरीदी तथा संचालन एजेंसी का चयन केंद्र सरकार करेगी। केंद्रीय सहायता सुनिश्चित किलोमीटर संचालन के हिसाब से दी जाएगी। यदि बसें निर्धारित किलोमीटर से कम चलती हैं तो केंद्रीय सहायता उसी के अनुपात में कम हो जाएगी।
केंद्र सरकार शहरों के प्रदर्शन के आधार पर राशि देगी। देश के समस्त राज्यों से राष्ट्रीय चैलेंज अंतर्गत प्राप्त शहरों के प्रतिस्पर्धात्मक के विश्लेषण उपरांत केंद्र सकरकार की केंद्रीय स्वीकृति तथा संचालन कमेटी (सीएसएससी) की छठवीं बैठक एक मार्च को हुई थी, जिसमें रायपुर को स्वीकृति मिली थी। 14 मार्च को 7वीं बैठक में प्रदेश के और तीन शहरों के प्रस्तावों को मंजूरी मिली।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा, इलेक्ट्रिक बसों की शुरुआत से शहरी परिवहन में क्रांति आएगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की यह पहल पर्यावरणीय संरक्षण के साथ लोगों को बेहतर परिवहन सुविधाएं प्रदान करने की दिशा में एक कदम आगे ले जाती है। नगरीय प्रशासन विभाग के अधिकारियों को अन्य शहरों को भी इस योजना में शामिल कराने प्रयास करना चाहिए।
फैक्ट फाइल
100 मीडियम ई-बसें रायपुर को
50 मीडियम ई-बसें दुर्ग-भिलाई को
35 मीडियम व 15 मिनी ई-बसें बिलासपुर को
20 मीडियम तथा 20 मिनी ई-बसें कोरबा को