रायपुर। Bageshwar Dham in Chhattisgarh: चार मुसलमानों सहित एक हजार लोगों ने सनातन धर्म में आस्था जताते हुए घर वापसी की। 251 परिवारों की घर वापसी का यह भव्य अनुष्ठान बागेश्वर धाम वाले पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के कथा पंडाल में सम्पन्न हुआ। घर वापसी करने वाले अन्य सभी ईसाई हैं। हिंदुओं को जागृत करने और घर वापसी का बीड़ा उठाने वाले प्रबल प्रताप सिंह जूदेव और कथा के आयोजक बसंत अग्रवाल के नेतृत्व में घर वापसी का यह कार्यक्रम हुआ।
समारोह में मतांतरित लोगों के चरण धुलवाकर, भगवा गमछा पहनाकर, गंगाजल का पान करवाकर घर वापसी कराई गई। आदिवासियों में ‘राजाजी’, ‘कुमारसाहेब’, ‘बाबा’ और ‘मामा’ कहे जाने वाले जशपुर रियासत के राजा दिलीप सिंह जूदेव मतांतरितों की घर वापसी का चेहरा रहे हैं। अब उनके पुत्र प्रबल प्रताप इस अभियान को आगे बढ़ा रहे हैं।
बागेश्वर धाम वाले पं. शास्त्री ने लाखों लोगों के समक्ष हिंदू धर्म में वापसी करने वाले लोगों से पूछा कि क्या वे किसी के दबाव में घर वापसी कर रहे हैं? इस पर अनेक लोगों ने कहा कि उन पर कोई दबाव नहीं है, सनातन धर्म में उनकी आस्था है। वे बहकावे में आकर दूसरे धर्म में चले गए थे, अब अपनी इच्छा से वापस अपने हिंदू धर्म में लौट रहे हैं।
घर वापसी कराने में अहम भूमिका निभाने वाले स्व. दिलीप सिंह जूदेव के पुत्र प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने बताया कि वे अब तक 17 हजार परिवारों की घर वापसी करा चुके हैं। उन्होंने कहा कि जब तक मैं जीवित हूं, यह अभियान जारी रखूंगा। मेरा उद्देश्य मतांतरित हो चुके सभी हिंदुओं की घर वापसी कराना है।
प्रदेश में मिशनरी संस्थाओं ने पिछले कुछ सालों में हजारों लोगों को बहकाकर मतांतरण करवा लिया है। उन सभी लोगों को घर वापस लाएंगे। सरगुजा, जशपुर, रायगढ़, कोरबा, धमतरी, सक्ती, रायपुर समेत अन्य शहरों के 251 परिवारों के एक हजार सदस्यों ने घर वापसी की। साथ ही मुस्लिम समाज के दो परिवारों शमीम, सोनिया, पल्की और मिर्जापुर के मोहम्मद अकबर ने हिंदू धर्म अपनाया।
अकबर मिर्जापुर, उत्तर प्रदेश के मोहम्मद अकबर ने हिंदू धर्म स्वीकार करते हुए कहा कि मैं बागेश्वर धाम वाले पं.धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से प्रभावित हूं। अब सनातन धर्म के नियमों का पालन करूंगा।
चंगोराभाठा निवासी शमीम ने कहा कि पत्नी हिंदू हैं, रोज पूजा-पाठ करतीं हैं, पत्नी की निष्ठा को देखकर मुझे हिंदू धर्म अपनाने की प्रेरणा मिली। उनके साथ पुत्र, पुत्री ने भी हिंदू धर्म स्वीकारा।
21 निर्धन कन्याओं का विवाह
कथा पंडाल में 21 निर्धन कन्याओं का निश्शुल्क विवाह कराया गया। सभी को घर-गृहस्थी की सामग्री उपहार स्वरूप दी गई।