अब 40 लाख की आबादी के लिए रायपुर का नया मास्टर प्लान तैयार, शामिल होंगे 106 गांव
आगामी 10 साल के लिए शहर का मास्टर प्लान तैयार हो गया है। इसका प्रकाशन 11 नवंबर को किया जा रहा है। पहले मास्टर प्लान भविष्य की 30 लाख आबादी को ध्यान में रखकर बनाया गया था, लेकिन अब 40 लाख की आबादी के लिए तैयार किया गया है।
By Ashish Kumar Gupta
Edited By: Ashish Kumar Gupta
Publish Date: Wed, 09 Nov 2022 01:53:48 PM (IST)
Updated Date: Wed, 09 Nov 2022 01:53:48 PM (IST)
रायपुर। आगामी 10 साल के लिए शहर का मास्टर प्लान तैयार हो गया है। इसका प्रकाशन 11 नवंबर को किया जा रहा है। पहले मास्टर प्लान भविष्य की 30 लाख आबादी को ध्यान में रखकर बनाया गया था, लेकिन अब 40 लाख की आबादी के लिए तैयार किया गया है। इसके प्रकाशन के बाद 12 दिसंबर तक आम जनता को दावा-आपत्ति करने का समय दिया जाएगा। इसके बाद एक माह में विभाग तक पहुंचे दावा-आपत्तियों के आधार पर मास्टर प्लान में संशोधन किया जाएगा।
विभाग के अधिकारियों की योजना है कि 5 से 10 फरवरी के बीच मास्टर प्लान का अंतिम प्रकाशन कर दिया जाए। वहीं, 2022 में जिस मास्टर प्लान को लागू करना था, उसका अभी तक प्रकाशन नहीं हो पया है। मास्टर प्लान में विलंब होने को लेकर नईदुनिया में लगातार खबरों का प्रकाशन किया गया। इसके बाद अधिकारियों की बैठक हुई और मास्टर प्लान प्रकाशन की तारीख जारी की गई। इससे पूर्व 24 अगस्त को विकास योजना समिति की बैठक में जन प्रतिनिधियों के बीच मास्टर प्लान प्रस्तुत किया गया था।
503 वर्ग किमी हो जाएगा दायरा
नए मास्टर प्लान के आने के बाद रायपुर का क्षेत्रफल 503.67 वर्ग किमी हो जाएगा। जबकि पिछली प्लानिंग 25 लाख आबादी के लिए 16000 हेक्टेयर जमीन के साथ हुई थी, जिसमें 65 नए गांव शामिल किए गए हैं। इस तरह रायपुर में शामिल गांवों की संख्या 41 से बढ़ाकर 106 हो जाएगी। नगर तथा ग्राम निवेश विभाग द्वारा मास्टर प्लान 2031 के तहत विकास योजना तैयार की जा रही है। आने वाले 10 साल में रायपुर की आबादी 40 लाख तक पहुंच जाएगी।
दक्षिणी क्षेत्र रहेगा विकास का केंद्र
मास्टर प्लान 2031 में शहर का विकास धमतरी, महासमुंद और बिलासपुर की दिशा में होगा और शहर के विकास का केंद्र दक्षिणी क्षेत्र रहेगा। बिलासपुर की ओर औद्योगिक केंद्र, बलौदा-बाजार रोड में लाजिस्टिक हब, धमतरी रोड की ओर एजुकेशन हब बनाने की तैयारी है। रायपुर शहर का दायरा 5 हजार 155 वर्ग मीटर होगा। इसके दायरे में दुर्ग और बेमेतरा जिले का भी कुछ हिस्सा भी लिया जाएगा।
पिछले मास्टर प्लान का बचत भी जोड़ा गया
मास्टर प्लान 2021 में निर्धारित मापदंड से ज्यादा भूमि का उपयोग किया गया। सबसे ज्यादा लापरवाही आमोद-प्रमोद क्षेत्र विकसित करने में हुई है। अनियंत्रित विकास विकास के कारण 1610 हेक्टेयर प्रस्तावित था, जिसमें 241.03 हेक्टेयर ही भूमि विकसित की गई। जो योजनाएं मास्टर प्लान में रह गई हैं, उन्हें भी नए में जोड़ा गया है और इसी आधार पर प्रकाशन किया जा रहा है।
रायपुर ग्राम एवं नगर निवेश के संयुक्त संचालक संदीप बागड़े ने कहा, मास्टर प्लान का प्रकाशन कर आम लोगों से दावा आपत्ति मंगाई जाएगी। इसके बाद फिर से अंतिम प्रकाशन किया जाएगा।
प्रस्तावित भूमि उपयोग 2031
भूमि उपयोग - तय गाइडलाइन
आवासीय 36 से 38%
वाणिज्यिक 5 से 6%
औद्योगिक - 7 से 8%
अर्ध/सार्वजनिक - 10 से 12 %
आमोद-प्रमोद - 14 से 16 %
यातायात/परिवहन - 12 से 14 %
कुल विकसित क्षेत्र - 100.00%