श्रवण शर्मा, रायपुर। Nakshatra Vatika: राजधानी के वीआइपी रोड स्थित श्रीराम मंदिर में पांच हजार वर्ग फीट में नक्षत्र वाटिका बनकर तैयार हो चुकी है। इस वाटिका की खासियत यह है कि शास्त्रों में उल्लेखित 27 नक्षत्रों और राशि पर आधारित पौधे लगाए गए हैं। साथ ही प्रत्येक नक्षत्रीय पौधे के चारों ओर चबूतरा बनाया गया है, ताकि वहां बैठकर उस राशि का जातक योग, ध्यान की क्रियाएं कर सकें।
श्रीराम मंदिर के प्रधान पुजारी पंडित हनुमत लाल के अनुसार ज्योतिष शास्त्र में ऐसा माना जाता है कि राशि, नक्षत्र के अनुरुप लगाए गए पौधे के समीप बैठकर योग, ध्यान करने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। उस राशि के जातक के लिए विशेष शुभदायी होता है। ज्योतिष में 27 नक्षत्रों का उल्लेख है, प्रत्येक व्यक्ति का एक निश्चित नक्षत्र होता है, जो उसके जीवन को प्रभावित करता है। प्रत्येक नक्षत्र से संबंधित एक वनस्पति लगाने से उसके जीवन पर व्यापक प्रभाव पड़ता है। नक्षत्र से संबंधित पौधे का पूजन करने से सुख समृद्धि बढ़ती है।
पांच हजार वर्गफीट में वाटिका
श्रीराम मंदिर में प्रवेश करते ही गोशाला जाने वाले मार्ग के दांयी ओर पांच हजार वर्गफीट में नक्षत्र वाटिका तैयार की गई है। यहां 27 नक्षत्रों के लिए 27 पौधे लगाए जा चुके हैं। साथ ही जानकारी दी गई है कि प्रत्येक नक्षत्र के अनुसार लगे पौधे से किस-किस राशि के जातकों को लाभ होता है।
नक्षत्र राशि पौधा
अश्विनी- मेष- कुचला
भरणी- मेष- आंवला
कृतिका- मेष, वृषभ- गूलर
रोहिणी- वृष- जामुन
मृगशिरा- वृष, मिथुन- खैर
आद्रा- मिथुन- शीशम
पुनर्वसु- मिथुन, कर्क- बांस
पुष्य- कर्क- पीपल
आश्लेषा- कर्क- नागकेसर
मघा- सिंह- बरगद
पूर्वा फाल्गुनी- सिंह- ढाक
उत्तरा फाल्गुनी- सिंह, कन्या- पाकड़, रूद्राक्ष
हस्त- कन्या- रीठा
चित्रा- कन्या, तुला- बेल
स्वाति- तुला- अर्जुन
विशाखा- तुला, वृश्चिक- विकंकस
अनुराधा- वृश्चिक- मौलश्री
ज्येष्ठा- वृश्चिक- चीड़
मूल- धनु- साल
पूर्वाषाढ़ा- धनु- जलवेलस
उत्तराषाढ़ा- धनु, मकर- कटहल
श्रवण- मकर- मदार
धनिष्ठा- मकर, कुंभ- शमी
शतभिषा- कुंभ- कदम्ब
पूर्वा भाद्रपद- कुंभ, मीन- आम
उत्तरा भाद्रपद- मीन- नीम
रेवती- मीन- महुआ