Monsoon Destination in Raipur: बच्चों को घूमने-फिरने में बहुत मजा आता है। बच्चे वीकेंड का इंतजार करते है, कि मम्मी-पापा को आफिस से छुट्टी मिलेगी, साथ ही हमें भी स्कूल नहीं जाना पड़ेगा। लोग भी एक दिन का पिकनिक स्पाट की तलाश करते रहते है कि सुबह जाकर शाम को घर वापस आए जाए। इससे मौज-मस्ती भी हो जाती है। सप्ताह भर की थकान भी मिट जाती है। बच्चों का भी भरपूर मनोरंजन हो जाता है।
इस सप्ताह हम आपको प्राकृतिक सुंदरता से ओत-प्रोत और धार्मिक और पर्यटन स्थल जतमई घटारानी के बारे में बता रहे हैं। राजधानी रायपुर से करीब 80 किलोमीटर दूर गरियाबंद जिले में जतमई घटारानी स्थान है।प्राकृतिक रूप से यह स्थल काफी मनमोहक है। चारों ओर फैली हरियाली और उंचे पहाड़ों के बीच गिरता झरना यहां आने वालों के लिए यादगार बन जाता है।
यह स्थल धार्मिक महत्व तो रखता ही है साथ ही पर्यटन की दृष्टि से भी समृद्ध है। जतमई और घटारानी की सैर करने के लिए सभी मौसम अनुकूल है। बारिश के मौसम में आसपास का जंगल में हरियाली और ज्यादा बढ़ जाती है। घटारानी जलप्रपात तक पहुंचने के लिए घने जंगल के बीच बनी सकरी सड़क है। जिसमें बताया जाता है कि जंगली जानवर भी हैं। जो कभी कभी यहां से गुजरने वाले पर्यटकों के वाहन के सामने आ जाते हैं।
बरसात में बढ़ जाती है सुंदरता
बरसात के दिनों में यहां की सुंदरता में चार चांद लग जाते है। मां का ये मंदिर जंगल के बीचों-बीच बना हुआ है।जतमई घटारानी जंगलों से घिरा हुआ है। जंगल के बीचो-बीच स्थित जतमई जलप्रपात में 40 फीट की ऊंचाई से पानी नीचे पत्थरों से टकराते हुए आता है। ऊंचाई से गिरते हुए पानी की आवाज और फुहारों का मजा लेने के लिए पर्यटक यहां पर पहुंचते हैं।
प्राकृतिक सुदंरता के बीच झरने में नहाने से आपको तरोताजगी महसूस होगी। वाटरफाल के ऊपर माता का मंदिर है, जहां लोग दर्शन करने के लिए जाते हैं। मानसूनी बारिश हो जाने के कारण वाटरफाल में पानी बढ़ गया है। पानी बढ़ने से वाटरफाल की सुदंरता बढ़ गई है। यहां पर घूमने के लिए जाने का सबसे अच्छा समय बरसात का रहता है।
यहां स्थल पर सड़क मार्ग से ही पहुंच सकते हैं
जतमई घटारानी सड़क मार्ग है। रायपुर से राजिम होते जतमई घटारानी तक का सफर तय कर सकते हैं। पब्लिक ट्रांसपोर्ट की जगह निजी वाहन से जाना ज्यादा अच्छा है।