Navratri 2022: जमीन के भीतर 15 फीट नीचे स्थापित हैं मां पाताल भैरवी, दर्शन मात्र से हर मुराद होती है पूरी
Navratri 2022: संस्कारधानी के नाम से प्रसिद्ध राजनांदगांव में जमीन के भीतर 15 फीट नीचे मां पाताल भैरवी का दरबार आकर्षण का केंद्र है। गर्भगृह में स्थित प्रतिमा की ऊंचाई करीब 15 फीट है। मूर्ति का वजन 11 टन से अधिक है।
By Ashish Kumar Gupta
Edited By: Ashish Kumar Gupta
Publish Date: Sun, 02 Oct 2022 08:58:18 AM (IST)
Updated Date: Sun, 02 Oct 2022 08:58:18 AM (IST)
राजनांदगांव। Navratri 2022: संस्कारधानी के नाम से प्रसिद्ध राजनांदगांव में जमीन के भीतर 15 फीट नीचे मां पाताल भैरवी का दरबार आकर्षण का केंद्र है। गर्भगृह में स्थित प्रतिमा की ऊंचाई करीब 15 फीट है। मूर्ति का वजन 11 टन से अधिक है। मंदिर में नवरात्र में घी और तेल जोत प्रज्वलित की जाती है। देश-विदेश के श्रद्धालु मनोकामना जोत प्रज्वलित करवाते हैं। पुराणों और ग्रंथों के मुताबिक माता काली रौद्र रूप में जमीन के भीतर निवास करती थीं। इसीलिए इसे पाताल भैरवी कहा जाता है। मंदिर में श्रद्धालु माता के दर्शन के लिए घंटों कतार में खड़े रहते हैं।
मंदिर का इतिहास
मंदिर का निर्माण 1998 में हुआ था। मां पाताल भैरवी मंदिर तीन मंजिल में बना हुआ है। नीचे जिसे पाताल कहा जाता है वहां पर मां पाताल भैरवी, दूसरी मंजिल पर त्रिपुर सुंदरी का तीर्थ, जिसे नवदुर्गा भी कहा जाता है। तीसरी मंजिल पर भगवान शिव की प्रतिमा और देशभर में स्थापित 12 ज्योर्तिलिंग के प्रतिरूप प्रतिष्ठापित हैं।
औषधि खीर का वितरण
मां पाताल भैरवी मंदिर में पूरे वर्ष दर्शन करने के लिए भक्त आते हैं। नवरात्र में श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ता है। शरद पूर्णिमा के दिन औषधि युक्त खीर बनाई जाती है। जड़ी-बूटी के मिश्रण से बनी खीर से दमा, अस्थमा और श्वास से जुड़ी बीमारियों में लाभ होता है। खीर का सेवन करने रात आठ बजे से भीड़ जुट जाती है। आधी रात बाद खीर का प्रसाद वितरित किया जाता है।
मां पाताल भैरवी मंदिर के सचिव गणेश प्रसाद शर्मा ने कहा, नवरात्र में माता रानी की विशेष आराधना होती है। हर वर्ष बड़ी संख्या में भक्त मां पाताल भैरवी के दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं। पंचमी, अष्टमी और माता का विशेष श्रृंगार के साथ पूजा-अर्चना संपन्न होती है।
हर मुराद होती है पूरी
दर्शनार्थी अवधेश ठाकुर ने कहा, मां पाताल भैरवी मंदिर में सालभर दर्शन के लिए आता हूं। नवरात्र में पूरे नौ दिन माता रानी के दर्शन करने का सौभाग्य मिलता है। माता रानी हर भक्त की मुराद को पूरी करती हैं।