रायपुर(नईदुनिया प्रतिनिधि)। इंदौर और चंड़ीगढ़ की अध्ययन यात्रा से लौटी रायपुर नगर निगम की नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे का कहना है कि लोगों को बेहतर से बेहतर सुविधा दिलाने का काम पूरी ईमानदारी के साथ शहरी सरकार करे तो विपक्ष हमेशा साथ देने को तैयार है। नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे पत्रकारों से चर्चा कर रही थी।
उन्होंने बताया कि दोनों शहरों में काफी अच्छा काम देखने को मिला। वहां से हम सभी अच्छे काम के नतीजे देखकर आए हैं। यहां भी अच्छा काम करेंगे तो निश्चित तौर पर इसका फायदा शहर को मिलेगा। इंदौर की तरह रायपुर में भी सबकुछ है फिर भी स्वच्छता में नंबर वन रैकिंग हासिल नहीं कर पाए, यह सोचनीय है। इंदौर की तरह सारी सुविधाएं होने के बाद भी साफ-सफाई, ड्रेनेज सिस्टम, नालियों को ढंकने का काम हम नहीं कर पा रहे हैं, जो प्रशासनिक विफलता है।
इंदौर नगर निगम हर चीज से पैसा कमाने की सोचता है, लेकिन इसके ठीक विपरीत रायपुर निगम काम कर रही है। इंदौर कचरा बेचकर पैसा कमा रहा है। यहां पर कचरा उठाने वाली ठेका कंपनी को 50 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाता है। महापौर को इस तरफ ध्यान देना चाहिए।
इंदौर नगर निगम में छह कैटेगरी में कचरा संग्रहण किया जाता है, जबकि यहां सूखा-गीला कचरा अलग-अलग तक संग्रहण नहीं कर पा रहे है।यहीं नही इंदौर में निजी कंपनी निगम से कचरा खरीदकर उससे सीएनजी,खाद बनाकर बेच रही है।
महापौर ने पिछले दिनों एनजीओ की बैठक लेकर शहर के एक-एक वार्ड को गोद लेने की अपील की है।इसके बदले एनजीओ को क्या देंगे इसका पता नहीं है।महापौर हमेशा बोलते है कि दलगत राजनीति से उपर उठकर काम करेगे लेकिन विपक्ष तो क्या सत्तापक्ष के पार्षदों तक को कोई भी जानकारी नहीं देते है।
महापौर का यह आरोप गलत है कि शहर को साफ रखने के लिए केंद्र से पैसा नहीं मिल रहा। सभी शहरों को उनकी कार्यक्षमता के अनुसार केंद्र नियमित रुप से बजट दे रही है।फिर भी हम स्वच्छता रैंकिग में पीछे क्यों है? रायपुर से इंदौर की जनसंख्यां दोगुना है।व हां की सारी व्यवस्था व्यस्थित है पर रायपुर हर मामले में पिछड़ा हुआ है। प्रेस वार्ता में उपनेता प्रतिपक्ष मनोज वर्मा, भाजपा पार्षद दल के प्रवक्ता मृत्युंजय दुबे, पार्षद डा.प्रमोद साहू आदि मौजूद थे।