
Kaushalya Mata Temple: रायपुर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। छत्तीसगढ़ राज्य सरकार द्वारा श्रीराम वनगमन मार्ग योजना के तहत 75 स्थानों को विकसित किया जा रहा है, जहां से वनवास काल के दौरान भगवान श्रीराम-सीता और लक्ष्मण गुजरे थे। इस योजना के पहले चरण में राजधानी से 25 किलोमीटर दूर ग्राम चंदखुरी में माता कौशल्या के प्राचीन मंदिर का जीर्णोद्धार पूरा हो चुका है। नए रूप रंग में निखारे गए मंदिर का उद्घाटन नवरात्र के पहले दिन 7 अक्टूबर को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल करेंगे। उद्घाटन के बाद तीन दिनों तक भक्तिमय संगीत कार्यक्रम का आयोजन किया गया है।
ऐसी मान्यता है कि कौशल प्रदेश में माता कौशल्या का जन्म हुआ था। छत्तीसगढ़ ही रामायणकाल में कौशल प्रदेश के नाम से जाना जाता था। जिस जगह पर वर्तमान में माता कौशल्या का मंदिर है, उसी गांव में उनका जन्म हुआ था। ऐसी मान्यता है कि भगवान श्रीराम-सीता ने अपने वनवास काल के 14 सालों में लगभग 13 साल छत्तीसगढ़ में व्यतीत किया था। पर्यटन मंत्री ताम्रध्वज साहू ने बताया कि चंदखुरी का माता कौशल्या मंदिर श्रीराम वनगमन टूरिज्म सर्किट का एक भाग है।
इसके अलावा कोरियाल जिला के सीतामढ़ी, हरचौका और सरगुजा जिला, बस्तर जिला के रामाराम समेत 75 स्थानों को विकसित किया जा रहा है। इन जगहों का नाता भगवान श्रीराम के वनवास काल से है। कहा जाता है कि भगवान श्रीराम-सीता, लक्ष्मण, वनवास काल में कोरिया जिले से छत्तीसगढ़ में आए थे। भरतपुर तहसील के जनकपुर में सीतामढ़ी, हरचौका में रूके थे। यहां सीता की रसोई और गुफाएं हैं।
लेजर शो में दिखाएंगे छत्तीसगढ़ प्रवास
माता कौशल्या के मंदिर के उद्घाटन की तैयारी अंतिम दौर में है। मुख्य द्वार पर भगवान श्रीराम की 51 फीट ऊंची पत्थर की प्रतिमा बनकर तैयार हो चुकी है। उद्घाटन मौके पर नृत्य, संगीत, लेजर शो एवं एलईडी रोशनी के माध्यम से प्रभु श्रीराम के वनवास काल को प्रस्तुत किया जाएगा।
मुंबई से आ रहे गायक-कलाकार
सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करने मुंबई से गायक, संगीतकार शंकर महादेवन, छत्तीसगढ़ के पद्मश्री भारती बंधु, गायिका कविता वासनिक आ रहे हैं। नंदकुमार साहू की भजन मंडली, मुंबई का फ्यूजन बैंड, कबीर कैफे के साथ गायिका सुकृति सेन, भारतीय रॉक बैंड इंडियन ओसियन, एक्रोबेटिक नृत्य समूह बी अनबीटेबल, श्रीराम पर आधारित नृत्य पेश करेंगे।