Karwa Chauth 2022: करवा चौथ से पहले हाथों में रचाई मेहंदी, आज छलनी से देखेंगे चांद और देंगे अर्घ्य
Karwa Chauth 2022: एक भाई ने छलनी की ओट में दीप प्रज्वलित कर कह दिया कि चांद निकल आया। बहन ने व्रत तोड़ा, बाद में इस छल से वह दुखी हुई। पूरे साल चतुर्थी का व्रत रखा। करवा चौथ पर अपने हाथ में छलनी लेकर चांद का दर्शन किया।
By Pramod Sahu
Edited By: Pramod Sahu
Publish Date: Thu, 13 Oct 2022 06:05:00 AM (IST)
Updated Date: Thu, 13 Oct 2022 07:26:35 AM (IST)
रायपुर(नईदुनिया प्रतिनिधि)। Karwa Chauth 2022: करवा चौथ के एक दिन पहले बुधवार को बाजार में उल्लास छाया रहा। पूजन सामग्री और मिट्टी का करवा (कलश) श्रृंगार सामग्री की खूब खरीदारी की गई। हाथों में मेहंदी रचाने के लिए नवविवाहिताओं में विशेष उत्साह दिखाई दिया। मेहंदी लगाने सुहागिनों की इतनी भीड़ लगी रही कि बैजनाथपारा में सड़क पर पंडाल लगाना पड़ा।
दो-दो घंटे तक सुहागिनों को इंतजार करना पड़ा। अनेक सुहागिनों ने व्रत रखने से पहले रात्रि में ही फल-मिठाई और मेवों का सेवन करके सरगी खाने की परंपरा निभाई। अनेक महिलाएं गुरुवार को भी ब्रह्म मुहूर्त में सरगी खाकर व्रत रखेंगी। रात्रि में पूजन के पश्चात छलनी से चंद्रमा को देखेंगी और अर्ध्य देकर जल ग्रहण करके व्रत का पारणा करेंगी।
इन चीजों का करें दान
ज्योतिषाचार्य डा.दत्तात्रेय होस्केरे के अनुसार करवा(कलश) में चावल, उड़द दाल, सुहाग सामग्री भरकर सास के चरण छूकर सास को अथवा किसी बुजुर्ग महिला को अथवा ब्राह्मण को दान करें।
इन बातों का रखें ध्यान
- सफेद वस्तुओं का दान नहीं करना चाहिए
- कैंची, चाकू का उपयोग न करें
छलनी से देखने की परंपरा
पं.चंद्रभूषण शुक्ला के अनुसार सात भाइयों की बहन ने व्रत रखा। भूखे रहने पर भाइयों से उसकी दशा नहीं देखी गई। एक भाई ने छलनी की ओट में दीप प्रज्वलित कर कह दिया कि चांद निकल आया। बहन ने व्रत तोड़ा, बाद में इस छल से वह दुखी हुई। पूरे साल चतुर्थी का व्रत रखा। करवा चौथ पर अपने हाथ में छलनी लेकर चांद का दर्शन किया। तबसे यह परंपरा चल पड़ी।
पंजाबी समाज का भव्य आयोजन
पंजाबी सनातन सभा की महिलाएं 13 अक्टूबर को दोपहर 3 बजे से पंजाब केसरी भवन, जोरा में सामूहिक करवा चौथ पूजा करेंगी। पंजाबी महिला मंडल की अध्यक्ष अनिता किंगर, महिला युवा अध्यक्ष अर्चना डोगर ने बताया कि 100 से अधिक महिलाएं सामूहिक पूजा में शामिल होंगी। मनोरंजक खेलों का आयोजन किया गया है। इसके पश्चात महिलाएं अपने अपने घरों में चांद देखकर अपना व्रत तोड़ेंगी।