रायपुर। छत्तीसगढ़ के झीरम घाटी नरसंहार में शामिल नक्सलियों पर नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआइए) ने इनाम की घोषणा की है। नक्सलियों पर 50 हजार से लेकर सात लाख से रुपये तक का इनाम घोषित किया गया है। साथ ही नक्सलियों के बारे में सूचना देने वालों के लिए भी नकद इनाम की घोषणा की गई है। सूचना देने वालों का नाम गोपनीय रखा जाएगा।
बस्तर संभाग स्थित झीरम घाटी में नक्सलियों ने 2013 में कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा में शामिल नेताओं पर हमला किया था। इस हमले में कांग्रेस के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार पटेल, पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ला, नेता प्रतिपक्ष महेंद्र कर्मा सहित 32 लोगों की जानें गई थी।
एनआइए के अधिकारियों ने बताया कि कुख्यात नक्सली देवजी और गणेश उइके पर सात-सात लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया है। दोनों नक्सली नेता दंडकारण्य क्षेत्र में सक्रिय हैं और झीरम कांड के मास्टर माइंड माने जाते हैं। एनआइए ने नक्सलियों के नाम, उपनाम और पता का भी जिक्र किया है।
देवजी और गणेश तेलंगाना के मूल निवासी हैं। वहीं, छत्तीसगढ़ के सुकमा के सोमा सोढ़ी, बारसे सुक्का, जयलाल मंडावी, भगत हेमला उर्फ बदरू, सप्पो हुंगा पर पांच-पांच लाख का इनाम घोषित किया है।
तीन नक्सलियों पर ढाई लाख का इनाम घोषित किया गया है। इसमें तेलम आयतू, बदरू मोडियाम और कुरसम सन्नी शामिल हैं। यह तीनों बीजापुर जिले के हैं। नौ नक्सलियों पर एक-एक लाख का इनाम घोषित किया गया है।
इसमें बस्तर के कामेश कवासी, बीजापुर के कोरसा सन्नी, लच्छी मोडियाम, सोमी पोटाम, मोडियम रमेश, कोरसा लक्खू, सरिता केकम, कुम्मा गोंदे और मंगली कोसा है। 50-50 हजार का इनाम दंतेवाड़ा के मड्डा मड़कामी और सन्नू वेट्टी पर घोषित किया गया है।
रायपुर अथवा दिल्ली में दे सकते हैं जानकारी
एनआइए ने जानकारी देने के लिए रायपुर में पदस्थ एसपी का नंबर भी जारी किया है। मौलश्री विहार स्थित एनआइए कार्यालय में सीधे जानकारी दी जा सकती है। साथ ही दिल्ली कार्यालय में भी जानकारी भेजी जा सकती है। एनआइए के इनाम घोषित करने के साथ ही जांच में भी तेजी लाई है।
प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद झीरम मामले की जांच के लिए एसआइटी का गठन किया गया है। एनआइए से जांच की फाइल सरकार की ओर से मांगी गई, लेकिन एनआइए ने फाइल नहीं लौटाई। सरकार बदलने के बाद से एनआइए की जांच में तेजी आई है। राज्य सरकार ने न्यायिक जांच आयोग का गठन किया है, जिसमें झीरम कांड के षड्यंत्र की जांच की जा रही है।