रायपुर। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान गुवाहाटी ने जेईई एडवांस- 2023 का रिजल्ट जारी कर दिया है। रायपुर के टाटीबंध में रहने वाले अखिलेश अग्रवाल ने 275 अंक के साथ आल इंडिया रैंक-155 हासिल कर छत्तीसगढ़ टापर बने हैं। वहीं विराज विजय कुमार लिल्हारे ने 459 रैंक, नमन शर्मा ने 518 रैंक और नीलाक्ष मलिक ने 1080 रैंक हासिल करने में कामयाब रहे हैं।
इनके अलावा चैतन्य धवन, लक्ष्य खिलवानी, जसमीत सिं, स्वपनिल मदान, ताहेर हुसैन भी जेईई परीक्षा क्रैक में सफल हुए हैं। सफल छात्रों ने पढ़ाई करने में मन लगे और एकाग्रता बढ़े इसके लिए मेडिटेशन का सहारा लिया। 10 से 12 घंटे की प्रतिदिन पढ़ाई करने बाद सफलता मिली हैं। टापर्स ने बताया कि बिना हार्डवर्क के जेईई जैसी परीक्षा में सफल होना बहुत मुश्किल है।छत्तीसगढ़ से जेईई एडवांस परीक्षा में हजारों छात्रों ने हिस्सा लिया है।
सफल उम्मीदवारों के लिए जोसा कांउसलिंग आज से
जिन उम्मीदवारों को जेईई एडवांस्ड 2023 के कट-ऑफ अंक के बराबर या उससे अधिक अंक मिले हैं, वे जोसा द्वारा आयोजित होने वाली आईआईटी प्रवेश काउंसलिंग के लिए रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। रजिस्ट्रेशन प्रोसेस कल 19 जून से josaa.nic.in पर शुरू होगी।
फाइनल आंसर-की भी जारी
आईआईटी गुवाहाटी ने जेईई एडवांस्ड 2023 परीक्षा की फाइनल आंसर की भी आधिकारिक वेबसाइट jeeadv.ac.in पर जारी कर दी है। उम्मीदवार इसे चेक कर सकते हैं।
प्रैक्टिस से मिली अच्छी रैंक
न्यू राजेंद्र नगर में रहने वाले विराज विजय कुमार लिल्हारे ने 244 अंकों के साथ देशभर में 459 रैंक हासिल किया है। उन्होंने बताया कि 11वीं से ही जेईई की प्रवेश परीक्षा की तैयारी शुरू कर दिया था। शुरू में तो बहुत अच्छे अंक नहीं आते थे, लेकिन थ्योरी पर ध्यान दिया। प्रैक्टिस बहुत किया। इससे सुधार हुआ। प्रतिदिन 10 से 12 घंटे पढ़ाई करता था, कोचिंग में जो भी पढ़ाया जाता था, उसे घर जाकर अच्छे से रिवीजन करता था। बिना कोचिंग के भी सफल हो सकते है लेकिन उसके लिए बहुत हार्डवर्क की जरूरत है। पढ़ाई में जब मन नहीं लगता था तो साइक्लिंग किया।पापा विजय कुमार लिल्हारे बीएसएनएल में जनरल मैनेजर है। मम्मी रत्ना लिल्हारे गृहणी हैं।
एकाग्रता बढ़ाने मेडिटेशन किया, माक टेस्ट दिए
हास्टल में रहकर जेईई की तैयारी करने वाले नमन शर्मा ने बताया कि 11वीं कक्षा से ही तैयारी शुरू कर दिया था। रात में पढ़ने के बजाय दिन में ही पढ़ाई किया। सुबह प्रतिदिन 10 से 15 मिनट तक मेडिटेशन करता था। कोचिंग में जो भी पढ़ाया जाता था, उसे उसी दिन ही पूरा कर लेता था।बाद के लिए कुछ नहीं छोड़ता था। चैप्टर के हिसाब से टारगेट सेट किया। उसी के आधार पर तैयारी की। माक टेस्ट बहुत ज्यादा साल्व किया। पढ़ाई में जब भी मन नहीं लगता था तो बैडमिंटन खेलता था।बिना मेहनत के सफलता हासिल करना बहुत मुश्किल है। पिता कौशल शर्मा जिंदल में यूनिट हेड है। मां सुमन शर्मा गृहणी हैं।
डाउट क्लियर करने में पैरेट्स ने किया सहयोग
आनंद वर्ल्ड सिटी में रहने वाले नीलाक्ष मलिक ने भी 11वीं कक्षा से ही जेईई की तैयारी शुरू कर दिया। उन्होंने बताया कि 10 से 11 घंटे पढ़ाई किया। जो भी डाउट होते थे तो सर से क्लियर करता था, कई बार सर से संपर्क नहीं होने पर पैरेंट्स ने इंटरनेट से ढूंढ़ कर हल करवाया। कोचिंग में जो भी पढ़ाया जाता था, उसको उसी दिन ही पढ़ लेता था। रात में पढ़ने के बजाय दिन पर ही पढ़ता था। टीचर्स की गाइडेंस में अच्छी तैयारी होती है। बिना गाइडेंस के तैयारी करने में बहुत मुश्किल होता है। सुबह प्रतिदिन आधे घंटे मेडिटेशन किया, जिसका भी बहुत लाभ मिला। कोचिंग के लिए क्रिकेट खेलना और संगीत सीखना छोड़ना पड़ा। पिता नितिन मलिक और मां शर्मिष्ठा मलिक दोनों डाक्टर हैं।