Indian Students in Ukraine: रायपुर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के स्टेशन रोड के रहने वाले मयंक पाल यूक्रेन में तीन वर्ष से एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं। मयंक को गुरुवार को भारत लौटना था। मयंक के पिता मनोज पाल ने बताया कि बेटे से गुरुवार को सुबह बात हुई है। उन्होंने बताया कि मयंक जैसे ही फ्लाइट पकड़ने वाले थे उसी बीच बम फट गया। इस दौरान एयरपोर्ट में अफरा-तफरी की स्थिति निर्मित हो गई। लोग इधर-उधर चीखते हुए भागने लगे हैं।
इस बीच यूक्रेन की सेना ने मोर्चा संभालकर लोगों सुरक्षित रखने का हौसला दिखाया। उन्होंने बताया कि गुरुवार को सुबह से यूक्रेन के कीव में बम धमाके की आवाज सुनाई दी। इसके बाद हम लोग सभी सन्न रह गए। वहीं बम फटने के कारण एयरपोर्ट को भारी नुकसान हुआ है। इस कारण भारत आने वाले सभी फ्लाइट को रद कर दिया गया है।
इन नंबरों पर किया जा सकता है संपर्क
दूरभाष नंबर - 011-46156000
मोबाइल नंबर - 99970-60999
फैक्स नंबर - 011-46156030
इधर मयंक के माता मंजु पाल और पिता मनोज पाल अपने बेटे की वापसी के लिए भगवान से प्रार्थना कर रहे हैं। पूरे परिवार डरे सहमे हुए हैं। फिलहाल मयंक भी ऐबेंसी के कब्जे में है। गौरतलब है कि यूक्रेन और रूस के बीच जंग शुरू हो गई है। इधर यूक्रेन में फंसे भारतीय समेत छत्तीसगढ़ के लोग बम की आवाज सुनकर सन्न हैं। अभी यूक्रेन में छत्तीसगढ़ के 50 से अधिक छात्र मौजूद है, जहां उसके अभिभावक के साथ छात्र भी काफी सहमे हुए हैं। वे दिनभर छत्तीसगढ़वासी के लिए मदद के लिए दिल्ली में संपर्क नंबर से बातचीत कर रहे है। अब तक 75 लोग से अधिक लोगों ने संपर्क साध लिया है।
यूक्रेन की परिस्थिति के बारे में दे रहे जानकारी
दिल्ली में नियुक्त नोडल अधिकारी गणेश मिश्र ने बताया कि अभिभावक और यूक्रेन में फंसे छात्रों से बातचीत जारी है। उनको यूक्रेन की हर परिस्थिति की जानकारी दे रहे है। बता रहे कि भारत सरकार वापसी के लिए बी प्लान तैयार कर लिया है। जल्द ही सभी की वापसी हो जाएगी। गुरुवार को दिल्ली में स्थापित काल सेंटर में छत्तीसगढ़ के 75 लोगों ने संपर्क साधा है। इसमें ज्यादातर यूक्रेन में फंसे हुए उनके स्वजन हैं।
भारत सरकार और विदेशी दूतावास से लगातार संपर्क में
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि यूक्रेन का वर्तमान संकट चिंता का विषय है। यूक्रेन में 20 हजार विद्यार्थी फंसे हुए हैं, उसमें छत्तीसगढ़ राज्य के भी हैं। उनकी मदद के लिए दिल्ली में हमने हेल्प सेंटर शुरू किया है, वहां लोग लगातार संपर्क कर रहे हैं। हम हर स्तर पर मदद करने की कोशिश कर रहे हैं।
भारत सरकार और विदेशी दूतावास से लगातार संपर्क में हैं कि हम अपने विद्यार्थियों को कैसे छत्तीसगढ़ वापस ला सकें। कूटनयिक चर्चा तो भारत सरकार को करनी होगी। राज्य शासन की ओर से हमने इसके लिए अधिकारी नियुक्त किया है और लगातार संपर्क में हैं।